सीसीटीवी कैमरा निगरानी का काम करता है, लेकिन हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसने सभी के होश उड़ाकर रख दिए हैं।
सीसीटीवी कैमरा फुटेज
Photo Credit: Unsplash/Tasha Kostyuk
सीसीटीवी कैमरा निगरानी का काम करता है, लेकिन हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसने सभी के होश उड़ाकर रख दिए हैं। गुजरात के राजकोट में हैकर्स ने 9 महीनों में देश भर से कम से कम 50 हजार सीसीटीवी क्लिप चुराकर उन्हें 700 रुपये से 4,000 रुपये प्रति क्लिप के हिसाब से ऑनलाइन एक इंटरनेशनल पोर्नोग्राफी नेटवर्क को बेच दिया। जांच में पाया गया कि मुंबई, पुणे, नासिक, दिल्ली, सूरत और अहमदाबाद जैसे शहरों के हॉस्पिटल, स्कूलों, कॉर्पोरेट ऑफिस, फैक्टरी, सिनेमा और यहां तक कि निजी घरों में लगे 80 CCTV डैशबोर्डों से छेड़छाड़ की गई। आइए इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
यह स्कैम तब सामने आया जब राजकोट के पायल मैटरनिटी हॉस्पिटल के टीजर क्लिप Megha Mbbs और cp monda जैसे यूट्यूब चैनल पर नजर आए, जिससे ग्राहक टेलीग्राम ग्रुप्स पर पहुंच गए जहां चोरी हुई फुटेज बेची गई थी। अधिकारियों का कहना है कि admin123 जैसे डिफॉल्ट पासवर्ड के चलते यह साइबर क्राइम संभव हो पाया, जिससे हैकर्स ऑटोमैटेड अटैक कर पाए और बड़े स्तर पर संवेदनशील फुटेज की चोरी हुई। जांच में पाया गया कि ये चोरी हुईं क्लिप कम से कम जून तक टेलीग्राम ग्रुप्स पर उपलब्ध थीं। जांच में यह भी पता चला कि इनमें से कई सीसीटीवी सिस्टम अभी भी admin123 जैसे फैक्टरी-सेट पासवर्ड का उपयोग कर रहे थे, जिन्हें सेटअप के दौरान नहीं बदला गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज की चोरी में ब्रूट फोर्स अटैक किया गया था, जिसमें हैकर्स किसी प्रोग्राम या बॉट का उपयोग करके अक्षरों और संख्याओं के हर संभव संयोजन को लॉक करने का प्रयास करते हैं। हैकर पारित धमेलिया ने इसमें तीन अलग-अलग सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का उपयोग किया। गुजरात में कैमरों के आईपी एड्रेस हासिल करने के लिए suIP.biz वेबसाइट का इस्तेमाल किया। फिर इन आईपी एड्रेस को मासकैन नामक के सॉफ्टवेयर में डाला गया, जो ओपन पोर्ट्स को स्कैन करता था। फिर हैकर ने SWC सॉफ्टवेयर नाम का स्पेशल हैकिंग टूल का उपयोग किया, जो सिस्टम में कैमरे की आईडी, पासवर्ड और आईपी एड्रेस का खुलासा कर सकता है।
इस तरह की सिक्योरिटी सैंधमारी से बचाव के लिए आपको अपने वाई-फाई और सीसीटीवी कैमरा को मैनेज करने के लिए पासवर्ड को लगातार बदलते रहना चाहिए। कभी भी डिफॉल्ट पासवर्ड जैसे कि admin123 या 123456789, Password आदि का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए। आप जब भी रिमोट तौर पर एक्सेस कर रहे हैं तो मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करना चाहिए। वहीं पासवर्ड के साथ फोन का कोड भी शामिल करना चाहिए।
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