नई नौकरी ढूंढने वाले बढ़ रहे हैं। लिंक्डइन की नई
रिसर्च में यह बताया गया है। इसके अनुसार, भारत में पांच में से चार यानी करीब 82 फीसदी प्रोफेशनल्स इस साल नई नौकरी तलाश करने की योजना बना रहे हैं। वहीं, आधे से ज्यादा यानी करीब 55 फीसदी का कहना है कि पिछले साल नौकरी तलाशना बहुत कठिन रहा। यह आंकड़े संकेत देते हैं कि ज्यादातर कामकाजी लोग अपने लिए नई नौकरी चाहते हैं। रिसर्च में यह भी सामने आया है कि एचआर प्रोफेशनल्स के लिए योग्य लोगों को ढूंढना मुश्किल होता जा रहा है।
इकॉनमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दो तिहाई से ज्यादा यानी करीब 69 फीसदी एचआर प्रोफेशनल्स को लगता है कि किसी रोल के लिए अच्छे क्वॉलिफाइड लोगों को ढूंढना अब ज्यादा चैलेजिंग है। इसका मतलब है कि इस साल नौकरी तलाशने वालों और नौकरी देने वालों के सामने नए चैलेंज आएंगे।
रिपोर्ट कहती है कि पिछले साल मार्केट ज्यादा सुस्त था और नौकरियों के स्तर पर चहल-पहल कम देखी गई। पिछले साल से नई नौकरी तलाश रहे पांच में से एक प्रोफेशनल इस साल भी नए अवसरों की तलाश में है। यानी नौकरी ढूंढने की कोशिश अभी तक लोगों ने नहीं छोड़ी है। जो पिछले साल जॉब तलाश रहा था, वह इस साल भी नौकरी ढूंढ रहा है।
हालांकि जॉब का मार्केट काफी सख्त मिजाज है। 37 फीसदी ने यह भी कहा है कि वह इस साल नई नौकरी नहीं तलाश रहे हैं। सर्वे में यह भी सामने आया है कि नई नौकरियों के लिए लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा है। करीब 58 फीसदी को लगता है कि जॉब मार्केट इस साल बेहतर होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, लोग एक नहीं, बल्कि अनेकों जॉब के लिए आवेदन दे रहे हैं, लेकिन यह स्ट्रैटिजी कामयाब नहीं रही है। जॉब ढूंढ रहे करीब 49 फीसदी लोगों ने ज्यादा से ज्यादा जॉब्स के लिए आवेदन किया, लेकिन उन्हें ना के बराबर रिप्लाई आया।
ज्यादा संख्या में लोगों के जॉब अप्लाई करने से एचआर की मुश्किलें बढ़ी हैं। करीब 27 फीसदी एचआर प्रोफेशनल्स दिन में तीन से पांच घंटे लोगों की ऐप्लिकेशंस को रिव्यू कर रहे हैं। 55 फीसदी एचआर ने कहा कि आधे से भी कम ऐप्लिकेशंस उनके क्राइटेरिया पर खरी उतरीं।