रात में इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करना होगा 30% महंगा, इस राज्य ने जारी किया नया नियम

अगर आप केरल में रहते हैं और ज्यादा बचत करने के लिए नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो यह नई खबर आपको हैरान कर सकती है।

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Written by साजन चौहान, अपडेटेड: 9 मई 2025 17:31 IST
ख़ास बातें
  • केरल में रात में इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करते हुए अधिक भुगतान करना होगा।
  • स्टेट इलेक्ट्रिक रेगुलेशन कमीशन ने चार्जिंग को दो टाइम जोन में बांटा है।
  • केरल में रात में इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने पर 30% अतिरिक्त चार्ज होगा।

रात में EV चार्ज करना महंगा हुआ।

Photo Credit: Unsplash/Andrew Roberts

अगर आप केरल में रहते हैं और ज्यादा बचत करने के लिए नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो यह नई खबर आपको हैरान कर सकती है। नए रेगुलेशन के अनुसार, रात में इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करते हुए अधिक भुगतान करना होगा। केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने नए रेगुलेशन जारी किए हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन के लिए टाइम ऑफ डे (ToD) बिलिंग में बदलाव किया है, जिसके तहत रात के समय चार्जिंग करने पर 30 प्रतिशत लागत लगेगी।


रात में EV चार्ज करना महंगा


स्टेट इलेक्ट्रिक रेगुलेशन कमीशन ने चार्जिंग के तरीके को दो टाइम जोन में विभाजित है। पहले टाइम जोन को सोलर पीरियड कहा जाता है, जो कि सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच आता है। इस टाइम जोन के दौरान राज्य चार्जिंग के लिए ईवी यूजर्स को स्टैंडर्ड रेट दिया जाएगा। दूसरी ओर अगर आप अपने ईवी को शाम 4 बजे से सुबह 9 बजे के बीच चार्ज कर रहे हैं, जिसे नॉन सोलर पीरियड कहा जाता है, तो आपको स्टैंडर्ड टैरिफ रेट से 30 प्रतिशत अधिक भुगतान करना होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि टैरिफ में बदलाव होम चार्जर पर लागू नहीं होते हैं, बल्कि चार्जिंग स्टेशनों पर लागू होते हैं।

केंद्र सरकार द्वारा EV चार्जिंग स्टेशन को लेकर नई गाइडलाइंस जारी करने के बाद रेगुलेटरी कमीशन ने चार्ज में बदलाव करने का फैसला किया। वर्तमान में, केरल में ToD बिलिंग के लिए तीन जोन हैं। यह सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक, शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक और आखिर में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक होता है। आगे चलकर इसे दो जोन में रखा जाएगा। अगर आप स्टैंडर्ड रेट पर वाहन को चार्ज करने के लिए 100 से कम खर्च करते हैं, तो इसकी लागत 30 प्रतिशत कम होगी। इसी प्रकार रात में ईवी चार्ज करने पर नॉन सोलर पीरियड के दौरान स्टैंडर्ड टैरिफ रेट से 30 प्रतिशत अधिक खर्च होता है।

यह कदम रात में चार्जिंग को कम करने और सोलर पीरियड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है, जिसका कुल मिलाकर ग्रिड पर कम प्रभाव पड़ेगा। वर्तमान में सोलर एनर्जी का उपयोग करने वाले चार्जिंग स्टेशन दिन के समय ज्यादा प्रभावी तरीके से काम करते हैं क्योंकि वे सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच अधिकतम पावर जनरेट करते हैं। हालांकि, अगर पावर का उपयोग नहीं किया जाता है तो यह बर्बाद हो जाती है। इस कदम का उद्देश्य दिन के समय चार्जिंग को बढ़ाना है। इसमें यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि अधिकतर यूजर्स दिन में अपने ईवी को चलाते हैं और रात में इसे चार्ज करने के लिए छोड़ देते हैं।

 

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