'मेड इन चाइना' इलेक्ट्रिक बसों से टेंशन में यूरोप! सुरक्षा में सेंध का खतरा?

सप्लायर के पास गाड़ियों के कंट्रोल सिस्टम के सॉफ्टवेयर अपडेट और डायग्नोस्टिक्स के लिए रिमोट एक्सेस पाया गया।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 13 नवंबर 2025 10:46 IST
ख़ास बातें
  • गाड़ियों के कंट्रोल सिस्टम के सॉफ्टवेयर में मिला लूप-होल
  • सप्लायर के पास गाड़ियों का रिमोट एक्सेस होने का दावा
  • बसें "ओवर द एयर" अपडेट और डायग्नोस्टिक टेस्ट रिसीव कर सकती हैं- रिपोर्ट

'मेड इन चाइना' इलेक्ट्रिक बसों से यूरोप के देशों की चिंता बढ़ गई है।

Photo Credit: NBC News

यूरोपीय देशों को एक नया डर इन दिनों परेशानी में डाले हुए है। यह डर है चीइनीज कंपनी द्वारा बनाई जा रहीं इलेक्ट्रिक बसें। दरअसल यूरोपीय देशों में चीनी कंपनियों द्वारा बनाई जाने वाली इलेक्ट्रिक बसें इनके इंफ्रास्ट्रक्चर में एक बड़ा हिस्सा बनती जा रही हैं जिसे लेकर अब डेनमार्क और नॉर्वे जैसे देशों को चिंता सताने लगी है। खबर है कि ये देश अपने ट्रांसपोर्ट में चलने वाली 'मेड इन चाइना' इलेक्ट्रिक बसों की जांच कर रहे हैं। क्या है इसके पीछे की वजह, आइए जानते हैं। 

'मेड इन चाइना' इलेक्ट्रिक बसों से चिंता
यूरोप में कई देश चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित की जा रही इलेक्ट्रिक बसों को लेकर सतर्क हो गए हैं। जांच तब शुरू हुई जब नॉर्वे में ट्रांसपोर्ट अथॉरिटीज़ ने गाड़ियों के कंट्रोल सिस्टम के सॉफ्टवेयर में एक लूपहोल पाया। इन इलेक्ट्रिक बसों को दुनिया की सबसे बड़ी EV व्हीकल कंपनी (सेल्स में) युटोंग (Yutong) बनाती है जो कि एक चीनी कंपनी है। ट्रांसपोर्ट अथॉरिटीज ने जांच में पाया कि सप्लायर के पास गाड़ियों के कंट्रोल सिस्टम के सॉफ्टवेयर अपडेट और डायग्नोस्टिक्स के लिए रिमोट एक्सेस था। यानी सप्लायर इन्हें दूर बैठे ही कंट्रोल कर सकता था। जिसका सीधा सा मतलब है कि चलती बसों को ही दूर बैठे चलाया जा सकता है, उन्हें बंद किया जा सकता है, या फिर सॉफ्टवेयर के जरिए खामी पैदा की जा सकती है। 

NBC न्यूज के अनुसार, डेनिश पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रोवाइडर Movia के चीफ Jeppe Gaard ने एक ईमेल के माध्यम से बताया कि ये बसें "ओवर द एयर" अपडेट और डायग्नोस्टिक टेस्ट रिसीव कर सकती हैं। मेन्युफैक्चरर या हैकर इन्हें दूर बैठे ही संचालित कर सकता है। सॉफ़्टवेयर सिस्टम में ऑनलाइन एक्सेस हो तो इलेक्ट्रिक कारों की तरह इलेक्ट्रिक बसों को भी दूर से ही निष्क्रिय किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ चीनी बसों की चिंता नहीं है। यह इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स से लैस सभी प्रकार के व्हीकलों और उपकरणों के लिए एक चुनौती है। डेनमार्क में मोविया के बेड़े में 262 युटोंग बसें शामिल हैं। इन्हें 2019 से नेटवर्क में शामिल किया गया है। ये बसें राजधानी कोपेनहेगन और देश के पूर्वी हिस्से को कवर करती हैं।

नॉर्वे से हुई जांच की शुरुआत
इस महीने की शुरुआत में सबसे पहले नॉर्वे की बस ऑपरेटर Ruter ने इन EVs को लेकर चिंता जताई थी। Ruter राजधानी ओस्लो सहित देश के आधे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का संचालन करती है। Ruter ने दो बसों पर परीक्षण किया। एक बस युटोंग की थी और एक डच निर्माता VDL की थी। डच बसों में "ओवर द एयर" स्वचालित सॉफ़्टवेयर अपडेट की क्षमता नहीं है, लेकिन यूटोंग के पास "सॉफ़्टवेयर अपडेट और डायग्नोस्टिक्स के लिए प्रत्येक बस तक सीधा डिटिजल एक्सेस पाया गया। 
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वाले सावाधान! भारत में 26 फर्जी क्रिप्टो वेबसाइट्स का भंडाफोड़
#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में IT हायरिंग 16 प्रतिशत बढ़ी, AI स्किल्स की ज्यादा डिमांड
  2. क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वाले सावाधान! भारत में 26 फर्जी क्रिप्टो वेबसाइट्स का भंडाफोड़
  3. 70 घंटे तक के बैटरी बैकअप और ANC जैसे फीचर्स के साथ लॉन्च हुए 6 HMD TWS ईयरफोन्स, कीमत 2 हजार से शूरू!
  4. इस AI फील्ड में भारत का दमखम, इंडेक्स में बड़े मार्जिन से टॉप पर!
  5. आपका WhatsApp डेटा खतरे में? 56 हजार डाउनलोड्स के बाद खुला राज, एक्सपर्ट ने दी सलाह
  6. चीनी कंपनी ने लॉन्च किया अनोखा टैबलेट, एंड्रॉयड और विंडोज दोनों पर करेगा काम
  7. EPFO पोर्टल और Umang ऐप पर EPF पासबुक कैसे देखें
  8. ANC सपोर्ट और 40 घंटे की बैटरी वाले नेकबैंड Lava Probuds Wave 931 हुए लॉन्च, जानें फीचर्स
  9. Meta AI सर्वर में सेव रखता है आपकी WhatsApp चैट! इस तरह डिलीट करें अपना पर्सनल डेटा
  10. OnePlus का नया स्मार्टफोन जल्द देगा दस्तक! मिलेगा स्नैपड्रैगन 8 जेनरेशन 4 प्रोसेसर
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.