पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के कारण इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों और इनवेस्टर्स को नुकसान हुआ है। हालांकि, अमेरिका के दो राज्य क्रिप्टोकरेंसी में टैक्स लेने की योजना पर आगे बढ़ रहे हैं। Colorado और Utah में रेवेन्यू डिपार्टमेंट्स ने लोगों और फर्मों को Bitcoin और Ethereum जैसी क्रिप्टोकरेंसीज में टैक्स का भुगतान करने की सुविधा देने का फैसला किया है। हालांकि, इसके लिए इन राज्यों को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
क्रिप्टोकरेंसीज में बिकवाली होने से ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट की वैल्यू पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 3 लाख करोड़ डॉलर के हाई लेवल से घटकर 1 लाख करोड़ डॉलर से कम हो गई है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की वैल्यू में नवंबर के बाद से लगभग 70 प्रतिशत की कमी हुई है। बिटकॉइन का प्राइस 69,000 डॉलर के हाई से घटकर 20,000 डॉलर से कुछ अधिक पर है। Colorado और Utah के बाद कुछ अन्य
राज्यों ने भी क्रिप्टोकरेंसी में टैक्स लेने पर विचार किया था। हालांकि, रेगुलेटर्स की चेतावनी और क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के कारण इनमें से अधिकतर राज्यों ने इससे कदम पीछे खींच लिए हैं।
ड्यूक यूनिवर्सिटी के ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स सेंटर के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर Lee Reiners ने कहा, "क्रिप्टो से जुड़ी किसी भी चीज का आकर्षक कम हो गया है क्योंकि मार्केट में पिछले कुछ महीनों से वोलैटिलिटी बहुत अधिक है। अगर राज्य क्रिप्टोकरेंसीज में टैक्स की पेमेंट लेते हैं तो इसका कोई वित्तीय फायदा नहीं होगा।" बड़ी क्रिप्टो लेंडिंग फर्मों में शामिल Celsius Network ने पिछले महीने ट्रांजैक्शंस पर
रोक लगा दी थी। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर Omid Malekan का कहना है, "Celsius Network जल्द दिवालिया होने जा रही है।" AFP की रिपोर्ट के अनुसार, CoinFlex और Babel Finance जैसी कुछ अन्य क्रिप्टो लेंडिंग फर्मों ने भी विड्रॉल को रोक दिया है। इन फर्मों ने क्लाइंट्स को क्रिप्टोकरेंसीज डिपॉजिट करने और उस पर इंटरेस्ट प्राप्त करने या कोलेट्रल के तौर पर रखकर उधार लेने की सुविधा दी थी। इन फर्मों के बहुत से क्लाइंट्स को ट्रांजैक्शंस पर रोक लगने से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने भी हाल ही में अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था। अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म का कहना है कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है।