रूस के Sbernank को डिजिटल फाइनेंस एसेट्स (DFA) को इश्यू और एक्सचेंज करने की अनुमति मिल गई है। इसका मतलब है कि रूस में क्रिप्टो और NFT होल्डर्स अपने एसेट्स को Sbernank के जरिए एक्सचेंज कर सकेंगे। रूस का पिछले महीने से यूक्रेन के साथ युद्ध चल रहा है और इस वजह से रूस पर बहुत से देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं। इस वजह से रूस की इकोनॉमी अस्थिर हुई है और अब वह क्रिप्टो से आमदनी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
Sbernank का कहना है कि वह बैंक ऑफ रशिया से लाइसेंस मिलने के बाद रूस के कानूनों के अनुसार DFA ट्रांजैक्शंस करेगा। Sberbank ने एक
स्टेटमेंट में कहा, "बैंक के डिजिटल एसेट्स प्लेटफॉर्म पर इश्यू किए जाने वाले DFA को डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी पर बेस्ड एक इनफॉर्मेशन सिस्टम के जरिए रिकॉर्ड और सर्कुलेट किया जाएगा, जिससे डेटा सिक्योरिटी पक्की होगी।" रूस की एंटिटीज Sberbank के इनफॉर्मेशन सिस्टम के जरिए इश्यू किए जाने वाले DFA को खरीद सकेंगी। बैंक ने बताया कि कंपनियां उसके ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर एक महीने बाद ट्रांजैक्शन शुरू करने में सक्षम होंगी।
स्टेटमेंट में कहा गया है, "हम डिजिटल एसेट्स से जुड़ा काम शुरू कर रहे हैं। हम रेगुलेटर और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।" हाल ही में रूस क्रिप्टो सेगमेंट पर
बैन लगाने पर विचार कर रहा था। रूस का कहना था कि इसमें वोलैटिलिटी और इससे जुड़ी ट्रांजैक्शंस को ट्रेस नहीं कर पाना बड़ी समस्याएं हैं। रूस ने अपनी डिजिटल करेंसी की टेस्टिंग भी शुरू की है। इसे 'डिजिटल रूबल' कहा जा रहा है। कई देशों की ओर से आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने से रूबल की वैल्यू काफी घट गई है। इसमें लगभग 25 प्रतिशत की कमी आई है। एक रूबल की वैल्यू 0.0097 डॉलर के करीब है।
यह रूबल के लिए रिकॉर्ड लो लेवल है। दुनिया की सबसे पुरानी करेंसीज में से एक रूबल की वैल्यू घटने से रूस को नुकसान हो रहा है। इस वजह से लोग रूबल के बदले बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो एसेट्स खरीद रहे हैं। यूक्रेन ने बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों से रूस के लोगों से जुड़ी ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने का निवेदन किया था। हालांकि, इनमें से अधिकतर एक्सचेंजों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।