यूं तो पुलिस का काम आरोपी को पकड़ना होता है, लेकिन पुणे में एक शेयर कारोबारी का अपहरण करने का आरोप महाराष्ट्र पुलिस के एक सिपाही पर लगा है। जी हां, महाराष्ट्र पुलिस के एक सिपाही दिलीप तुकाराम खंडारे को किडनैपिंग का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है। आरोपी साइबर क्राइम सेल के साथ काम कर चुका है, जिसके चलते उसे इस बात की जानकारी मिली कि शेयर कारोबारी विनय नाइक के पास 300 करोड़ रुपए के बिटकॉइन हैं।
NDTV ने न्यूज़ एसेंजी के हवाले से
जानकारी दी है कि पुणे में महाराष्ट्र पुलिस के एक सिपाही ने एक कारोबारी को अगवा करने का प्लान बनाया, जिसका उद्देश्य कारोबारी से 40 मिलियन डॉलर (300 करोड़ रुपये) कीमत के Bitcoin की वसूली करना था। इसके अलावा, 8 लाख रुपये नगद फिरौती भी मांगी गई थी। साइबर क्राइम के साथ काम कर चुके आरोपी कॉन्स्टेबल को इस किडनैपिंग का मास्टरमाइंड बताया गया है, और इसके साथ ही 7 अन्य आरोपियों को भी अब गिरफ्तार कर लिया गया है। इन आठ आरोपियों ने साथ मिलकर 14 जनवरी को पुणे के एक होटल से कारोबारी विनय को अगवा किया था।
इसके बाद, बुधवार को पुणे पुलिस जोन-2 के उपायुक्त (DCP) आनंद भोइटे ने कॉन्स्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे के साथ सुनील राम शिंदे, वसंत श्याम चव्हाण, मयूर महेंद्र शिर्के, फ्रान्सिस टिमोटी डिसूजा, संजय उर्फ निकी राजेश बंसल, प्रदीप काशीनाथ काटे और शिरीष चंद्रकांत खोत की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया कि घटना के मास्टरमाइंड दिलीप तुकाराम खंडारे ने विनय नाइक के अपहरण के बाद बिटकॉइन बेचने की कोशिश भी की। नाइक के गायब होने पर उनके एक दोस्त ने अपहरण का केस दर्ज करवाया था, जिसके बाद पुलिस की तुरंत कार्रवाई के चलते पकड़े जाने का डर से आरोपियों ने विनय को छोड़ दिया।
कमिश्नर ने आगे बताया कि मास्टरमाइंड आरोपी पिंपरी चिंचवाड़ आयुक्त के ऑफिस में काम करता था। वह कई टेक्नोलॉजी संबंधित कोर्स कर चुका है, जिनमें मोबाइल फोरेंसिक, बेसिक हार्डवेयर एंड नेटवर्क टेक्नोलॉजी, एडवांस साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन आदि शामिल हैं। किडनैपिंग को अंजाम देने के लिए उसने कुछ दिन पहले निजी कारण बताकर अचानक छुट्टी भी ली थी।
धोखाधड़ी वाले लेन-देन में बढ़ोतरी के चलते 2018 में क्रिप्टो मार्केट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा लिया था।