Cryptocurrency माइनिंग पर इस देश ने भी लगाया बैन, यह है वजह

बिजली उत्पादन में कमी के कारण कोसोवो बीते एक दशक में सबसे बुरे ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 6 जनवरी 2022 12:12 IST
ख़ास बातें
  • क्रिप्‍टोकरेंसी की माइनिंग में बेतहाशा बिजली खर्च होती है
  • कोसोवो में बिजली की कीमतों कम होने से खूब माइनिंग हो रही है
  • सर्दियों में भी बिजली की मांग बढ़ी है, इसीलिए यह फैसला हुआ है

बिजली की कमी के चलते कोसोवो ने दिसंबर में देश में 60 दिनों के लिए इमरजेंसी की स्थिति घोषित की थी।

साउथ-ईस्‍ट यूरोप में बसे कोसोवो (Kosovo) की सरकार ने देश में क्रिप्‍टोकरेंसी (cryptocurrency) माइनिंग पर बैन लगा दिया है। रॉयटर्स के मुताबिक, यह फैसला बिजली की खपत को रोकने के लिए लिया गया है। बिजली उत्पादन में कमी के कारण कोसोवो बीते एक दशक में सबसे बुरे ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। गौरतलब है कि क्रिप्‍टोकरेंसी की माइनिंग यानी उसके निर्माण में बेतहाशा बिजली खर्च होती है। कोसोवो के इकॉनमी एंड एनर्जी मिनिस्‍टर आर्टाने रिजवानोली ने एक बयान में कहा कि सभी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों और बाकी इंस्टिट्यूशंस की मदद से क्रिप्‍टोकरेंसी माइनिंग को रोका जाएगा। साथ ही उन जगहों की पहचान की जाएगी, जहां क्रिप्टोकरेंसी बनाई जाती हैं। कोसोवो में बिजली की कीमतों कम होने की वजह से कई युवा क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में शामिल हो गए हैं। 

कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों के बंद होने और हाई इम्‍पोर्ट प्राइसेज का सामना कर रहे इस देश को पिछले महीने बिजली कटौती शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। सर्दी के मौसम में बिजली की कमी पर रूस द्वारा चिंता व्यक्त करने और सप्‍लाई कम कर देने से मंगलवार को यूरोप में गैस की कीमतें 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ गईं। कोसोवो ने दिसंबर में देश में 60 दिनों के लिए इमरजेंसी की स्थिति घोषित की थी। इससे सरकार एनर्जी इम्‍पोर्ट करने के लिए ज्‍यादा पैसे आवंटित कर सकेगी। साथ ही ज्‍यादा बिजली कटौती और अन्‍य सख्‍त नियम लागू कर सकेगी।

एक क्रिप्‍टोकरेंसी माइनर जिसके पास 40 GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) हैं, उसने नाम न छापने की शर्त पर रॉयटर्स को बताया कि वह बिजली के लिए हर महीने लगभग 170 यूरो (14,300 रुपये) का भुगतान कर रहा था। बदले में उसे माइनिंग में होने वाले प्रॉफ‍िट से हर महीने लगभग 2,400 यूरो (2 लाख रुपये) मिल रहे थे। उत्तरी कोसोवो में कॉइन माइनिंग बढ़ी रहा है। यहां ज्यादातर सर्ब लोग रहते हैं, जो कोसोवो को एक देश के रूप में नहीं मानते और बिजली का भुगतान करने से भी इनकार करते हैं।

18 लाख की आबादी वाला यह देश अपनी ऊर्जा खपत का 40 प्रतिशत से अधिक आयात कर रहा है। सर्दियों में यहां बिजली की मांग बढ़ जाती है, क्‍योंकि लोग हीटिंग के लिए बहुत ज्‍यादा बिजली इस्‍तेमाल करते हैं। कोसोवो में लगभग 90 प्रतिशत बिजली का उत्पादन लिग्नाइट (lignite) से होता है। यह एक नरम कोयला है, जो जलने पर जहरीला प्रदूषण पैदा करता है। आंकड़ों के मुताबिक, कोसोवो में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा लिग्नाइट का भंडार है। यह 12 से 14 अरब टन होने का अनुमान है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Vivo X300 Pro vs OnePlus 13 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा रहेगा बेस्ट
#ताज़ा ख़बरें
  1. Ather ने बनाया सेल्स का रिकॉर्ड, Bajaj Auto को मिला टॉप स्पॉट
  2. मोबाइल डाटा हो जाता है जल्दी खत्म? ऐसे करें बचत और लंबे समय तक कर पाएंगे उपयोग
  3. Vivo X300 Pro vs OnePlus 13 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा रहेगा बेस्ट
  4. स्लो इंटरनेट स्पीड हो जाएगी तेज, घर के लिए बेस्ट राउटर का ऐसे करें चयन
  5. Huawei का नया बजट स्मार्टफोन बिना नेटवर्क के भी कर सकता है कॉल, इस कीमत में हुआ लॉन्च
  6. Elon Musk की Starlink ने भारतीयों के लिए निकाली जॉब, यहां से करें अप्लाई
  7. Lava Probuds N33: सिंगल चार्ज में 40 घंटे चलने वाले नेकबैंड लावा ने Rs 1,299 में किए लॉन्च, जानें खास फीचर्स
  8. Chrome चला रहे हो तो हो जाओ सावधान! एक गलती और सिस्टम हो जाएगा हैक, यहां जानें बचने का तरीका
  9. Amazon की नई Fire TV Stick 4K Select लॉन्च, HDR10+, वॉयस रिमोट का सपोर्ट, जानें कीमत
  10. Suzuki ने दिखाया EV का 'छोटा पैकेट बड़ा धमाका!', Nano जितना साइज, लेकिन रेंज 270 KM
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.