क्रिप्टो लेंडिंग फर्म Celsius के ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने की होगी जांच

अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म के ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की टेक्सस स्टेट सिक्योरिटी बोर्ड सहित कुछ रेगुलेटर्स जांच कर रहे हैं

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अपडेटेड: 17 जून 2022 16:46 IST
ख़ास बातें
  • फर्म ने एकाउंट्स के बीच विड्रॉल और ट्रांसफर पर रोक लगाई है
  • इससे क्रिप्टो मार्केट में गिरावट आई थी
  • क्रिप्टो सेगमेंट की कई देशों में स्क्रूटनी बढ़ी है

क्रिप्टो सेगमेंट की विशेषतौर पर अमेरिका सहित कई देशों में स्क्रूटनी बढ़ी है

हाल ही में क्रिप्टो लेंडिंग फर्म Celsius Network के क्लाइंट्स की ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की रेगुलेटर्स की ओर से जांच की जा रही है। Celsius ने कहा था कि क्रिप्टो मार्केट की खराब स्थिति के कारण वह एकाउंट्स के बीच विड्रॉल और ट्रांसफर पर रोक लगा रही है। 

Reuters की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म के ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की टेक्सस स्टेट सिक्योरिटी बोर्ड सहित कुछ रेगुलेटर्स जांच कर रहे हैं। इस बारे में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी Celsius से जानकारी मांगी है। हालांकि, SEC ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। अल्बामा सिक्योरिटीज कमीशन के डायरेक्टर Joseph Borg ने का कहना था, "मैं इससे चितित हूं कि रिटेल इनवेस्टर्स सहित फर्म के क्लाइंट्स को उनके एसेट्स को रिडीम करने की जरूरत हो सकती है लेकिन वे ऐसा कर सकते। इससे उनकी वित्तीय मुश्किलें बढ़ सकती हैं।" 

Celsius Network ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था, "हम लिक्विडिटी और बिजनेस को मजबूत करे के लिए यह जरूरी कदम उठा रहे हैं। इसके साथ ही एसेट्स की सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं। कस्टमर्स को इस दौरान रिवॉर्ड्स मिलते रहेंगे।" पिछले वर्ष के अंत में इस फर्म ने लगभग 75 करोड़ डॉलर का फंड हासिल किया था। यह क्रिप्टो लेंडिंग से जुड़ी बड़ी फर्मों में शामिल है। यह अपनी क्रिप्टोकरेंसीज को जमा करने वाले कस्टमर्स को इंटरेस्ट का ऑफर देती है और रिटर्न कमाने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज की लेंडिंग करती है। क्रिप्टो सेगमेंट की विशेषतौर पर अमेरिका सहित कई देशों में स्क्रूटनी बढ़ी है। पिछले कुछ महीनों में इस सेगमेंट में फ्रॉड से जुड़े मामले बढ़ने के कारण रेगुलेटर्स ने स्क्रूटनी कड़ी करने की जरूरत बताई है। कुछ देशों में क्रिप्टो सेगमेंट के लिए कानून बनाने पर भी काम किया जा रहा है। 

अमेरिका सहित कई देशों में सेंट्रल बैंकों की ओर से इंटरेस्ट रेट्स बढ़ाने और स्टेबलकॉइन TerraUSD के पिछले महीने डॉलर के साथ जुड़ाव तोड़ने के बाद बहुत अधिक गिरने से क्रिप्टो मार्केट में भारी गिरावट आई थी। इससे इनवेस्टर्स को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ है। बहुत सी क्रिप्टो फर्मों के बिजनेस पर भी इसका बड़ा असर पड़ा है। स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। 

 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
 

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