IMF ने दी स्टेबलकॉइन्स में रिस्क की चेतावनी

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं

IMF ने दी स्टेबलकॉइन्स में रिस्क की चेतावनी

क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है

ख़ास बातें
  • IMF का मानना है कि क्रिप्टो मार्केट में गिरावट बढ़ सकती है
  • USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं
  • इनका इस्तेमाल अक्सर इस्तेमाल ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए होता है
विज्ञापन
पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के बड़े कारणों में स्टेबलकॉइन TerraUSD का धाराशायी होना शामिल है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) का मानना है कि इक्विटी और क्रिप्टो मार्केट्स में गिरावट बढ़ सकती है। IMF के डायरेक्टर (मॉनेटरी एंड कैपिटल मार्केट्स) Tobias Adrian ने कहा कि ऐसी स्थिति में स्टेबलकॉइन्स के लिए अधिक रिस्क है। 

Tobias ने Yahoo Finance को बताया, "क्रिप्टो मार्केट्स में और बिकवाली हो सकती है। कुछ एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन्स में भारी गिरावट आई है और कुछ अन्य नाकाम हो सकते हैं। इनके साथ किसी एसेट का जुड़ाव नहीं है।" हालांकि, उनका यह भी कहना था कि 100 प्रतिशत कैश के जुड़ाव वाले स्टेबलकॉइन्स को लेकर आशंका कम है। Tobias ने कहा कि अथॉरिटीज को एक्सचेंजों और वॉलेट्स प्रोवाइडर्स को रेगुलेट करना चाहिए। उन्होंने बताया कि लगभग 40,000 कॉइन्स मौजूद हैं। इन्हें रेगुलेट करना मुश्किल होगा लेकिन एक्सचेंजों और वॉलेट प्रोवाइडर्स को रेगुलेट करने से स्थिति में सुधार हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसीज के नाकाम होने का असर मुख्य फाइनेंस सेक्टर पर नहीं पड़ा है। बैंकों का क्रिप्टोकरेंसीज के जरिए छिपे हुए एसेट्स में इनवेस्टमेंट नहीं है। स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है। USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं। क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है। इसका इस्तेमाल ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है। 

प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है। ग्लोबल रेगुलेटर्स का कहना है कि स्टेबलकॉइन्स को पेमेंट्स के सामान्य जरियों के समान रूल्स का पालन करना चाहिए। सिक्योरिटीज रेगुलेटर्स की ग्लोबल संस्था IOSCO और सेंट्रल बैंकों से जुड़े बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) ने बताया है कि इस बारे में प्रपोजल्स को स्वीकार किया गया है। इन प्रपोजल्स में कहा गया है कि बड़े स्टेबलकॉइन्स के लिए पेमेंट सेक्टर से जुड़े मौजूदा रूल्स लागू होने चाहिए। यह स्टेबलकॉइन्स के लिए समान रिस्क, समान रेगुलेशन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Selling, Terra, IMF, Market, Stablecoin, Regulators

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. ViewSonic लॉन्च करेगी 520Hz रिफ्रेश रेट, 4K OLED डिस्प्ले वाले गेमिंग मॉनिटर!
  2. धांसू गेमिंग के ख्‍वाब पूरे करेगा OnePlus Ace 5! टेस्‍ट में कैसा रहा प्रदर्शन? जानें
  3. Xiaomi ने लॉन्च की छोटी वॉशिंग मशीन Mijia Mini Washing Machine, सिर्फ 15 मिनट में कपड़े कर देगी साफ
  4. Xiaomi 15 Ultra फोन में होंगे 200MP कैमरा, 5800mAh बैटरी जैसे फीचर्स! लीक में खुलासा
  5. ISRO PROBA-3 Mission Live : इसरो आज लॉन्‍च करेगा यूरोपीय मिशन,घर बैठे ऐसे देखें लाइव
  6. REDMAGIC 10 Pro फोन 24GB रैम, 7050mAh बैटरी जैसे फीचर्स के साथ ग्लोबल मार्केट में लॉन्च, जानें कीमत
  7. OnePlus 13R फोन के फुल स्पेसिफिकेशंस लीक, 12GB रैम, 50MP कैमरा, 6000mAh बैटरी से होगा लैस!
  8. Cuktech ने 10 हजार mAh बैटरी के साथ लॉन्च किया सस्ता पावरबैंक, 22.5W चार्जिंग से लैस, जानें कीमत
  9. Apple को इस देश में 1 अरब डॉलर का निवेश करने पर मिलेगी iPhone 16 की बिक्री की मंजूरी....
  10. Apple पर लगा वर्कर्स की गैर कानूनी तरीके से निगरानी करने का आरोप
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »