क्रिप्टो फ्रॉड में हैदराबाद के डॉक्टर को हुआ 11 करोड़ रुपये का नुकसान

इस तरह के फ्रॉड के मामलों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने उपाय भी किए हैं। हाल ही में टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने विदेशी हैकर्स के कम से कम 17,000 वॉट्सऐप एकाउंट्स को ब्लॉक किया था

क्रिप्टो फ्रॉड में हैदराबाद के डॉक्टर को हुआ 11 करोड़ रुपये का नुकसान

इस तरह के फ्रॉड के मामलों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने उपाय भी किए हैं

ख़ास बातें
  • पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो से जुड़े फ्रॉड के मामले बढ़े हैं
  • फ्रॉड के अधिकतर मामलों में सोशल मीडिया के जरिए शिकार को फंसाया जाता है
  • केंद्र सरकार ने इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए उपाय किए हैं
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पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज में ट्रेडिंग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके साथ ही इस सेगमेंट में फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं। तेलंगाना में हैदराबाद के एक डॉक्टर से क्रिप्टो से जुड़े जालसाजी के एक मामले में 11 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। इस मामले में जाली फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया गया था। 

एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि तेलंगाना के सायबर सिक्योरिटी ब्यूरो ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। लगभग चार महीने पहले हैदराबाद के डॉक्टर समीर आजाद महेन्द्रा को एक व्यक्ति ने क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की जानकारी दी थी। इस व्यक्ति ने फॉरेक्स ट्रेडिंग फर्म Webull का प्रतिनिधि होने का दावा किया था। इस व्यक्ति ने समीर को इस फर्म के जरिए ट्रेड करने की सलाह दी थी। उन्हें नकदी को क्रिप्टोकरेंसी USDT में तब्दील करने के लिए कहा गया था। शुरुआत में समीर को ट्रेडिंग करने पर काफी रिटर्न दिखाई दिया। इसके बाद उन्होंने बताए गए एकाउंट्स में बड़ी रकम ट्रांसफर करनी शुरू कर दी। 

इसके बाद जब समीर ने अपने फंड को विड्रॉ करने का प्रयास किया तो उन्हें बताया गया कि इसके लिए उन्हें नॉन-रेजिडेंट्स के लिए अमेरिका के रूल के तहत लगभग 3.7 करोड़ रुपये का एडवांस टैक्स जमा करना होगा। एडवांस टैक्स के तौर पर भुगतान करने के बाद उन्हें रकम ट्रांसफर करने के लिए मनी-लॉन्ड्रिंग रेगुलेशंस का हवाला देकर एक अन्य टैक्स चुकाने के लिए कहा गया। इसके बाद में पूछने पर जालसाज उन्हें गुमराह करने लगे। जालसाजी का शक होने पर समीर ने सायबर क्राइम पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। समीर ने बताया कि जालसाजों की ओर से उपलब्ध कराए गए एकाउंट्स में उन्होंने 11 करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किए हैं। 

इस तरह के फ्रॉड के मामलों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने उपाय भी किए हैं। इसी कड़ी में हाल ही में इंडियन सायबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) और टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने विदेशी हैकर्स के कम से कम 17,000 वॉट्सऐप एकाउंट्स को ब्लॉक किया था। दश में सायबर फाइनेंशियल फ्रॉड्स का लगभग 45 प्रतिशत दक्षिण पूर्व एशिया से होता है। ये अपराध अधिक जटिल और बड़े हो गए हैं। इससे पीड़ितों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ये हैकर्स जिस इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करते हैं उसे नष्ट करने के लिए I4C की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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