बिटकॉइन में बड़ी गिरावट, 92,000 डॉलर से नीचे गिरा प्राइस

मौजूदा वर्ष में बिटकॉइन का प्राइस दोगुने से अधिक बढ़ा है। ट्रंप की जीत के बाद से इसमें 40 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 26 नवंबर 2024 21:25 IST
ख़ास बातें
  • इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस एक लाख डॉलर के निकट पहुंचा था
  • बिकवाली के भारी दबाव की वजह से बिटकॉइन में गिरावट हुई है
  • अमेरिका में नई सरकार क्रिप्टो सेगमेंट के लिए पॉलिसी बना सकती है

मौजूदा वर्ष में बिटकॉइन का प्राइस दोगुने से अधिक बढ़ा है

इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में Donald Trump की जीत के बाद से बिटकॉइन में काफी तेजी आई थी। इस तेजी पर मंगलवार को कुछ रोक लग गई। बिटकॉइन का प्राइस दो प्रतिशत से अधिक घटकर 91,717 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। क्रिप्टो मार्केट में भी काफी गिरावट थी। 

ट्रंप की जीत के बाद से बिटकॉइन ने लगातार नए हाई बनाए थे। इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस एक लाख डॉलर के निकट तक पहुंचा था। हालांकि, इसके बाद बिकवाली के भारी दबाव की वजह से बिटकॉइन में गिरावट हुई है। बिटकॉइन के लॉन्ग-टर्म होल्डर्स की इस बिकवाली में बड़ी हिस्सेदारी है। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि बिटकॉइन के लिए एक लाख डॉलर महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस है। 

मौजूदा वर्ष में बिटकॉइन का प्राइस दोगुने से अधिक बढ़ा है। ट्रंप की जीत के बाद से इसमें 40 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है। इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिका में बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) को मंजूरी मिलने के बाद भी क्रिप्टो मार्केट काफी बढ़ा था। इस वर्ष बिटकॉइन का प्राइस लगभग 130 प्रतिशत बढ़ा है। अगले वर्ष की शुरुआत में अमेरिका में ट्रंप की अगुवाई में नई सरकार कार्यभार संभालेगी। इस सरकार के एजेंडा में क्रिप्टो के लिए कानून बनाना शामिल हो सकता है। हाल ही में अमेरिका में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC), के पूर्व चेयरमैन, Jay Clayton ने बताया था कि नई सरकार क्रिप्टोकरेंसीज पर नियंत्रण के लिए कानून बना सकती है। उन्होंने कहा कि वह रेगुलेटरी बोझ को घटाने के पक्ष में हैं जिससे कंपनियों की लिस्टिंग को प्रोत्साहन मिलेगा। Clayton का कहना था, "मेरा मानना है कि क्रिप्टो के लिए कानून बनाया जाएगा। अगर आप कार्यकारी या प्रशासनिक स्तर पर कुछ समस्याओं से निपट सकते हैं तो क्रिप्टो के लिए कानून बनाना आसान हो जाता है।" 

अमेरिका के मौजूदा प्रेसिडेंट Joe Biden की सरकार में रेगुलेटर्स ने क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों के खिलाफ कड़ी एन्फोर्समेंट कार्यवाही की मांग की थी। हालांकि, इन रेगुलेटर्स ने इंडस्ट्री की रेगुलेशंस बनाने की मांग को नहीं माना था। अमेरिका में ट्रंप की जीत और क्रिप्टो का समर्थन करने वाले उम्मीदवारों के कांग्रेस में पहुंचने से बिटकॉइन सहित बहुत सी क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइस बढ़े थे। 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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