Bitcoin को बनाने वाले Satoshi Nakamoto (काल्पनिक नाम) की स्टैच्यू को हंगरी के बुडापेस्ट में बीते गुरूवार को पहली बार दुनिया के सामने आई। हालांकि इस महान रचनाकार की पहचान अभी भी दुनिया के लिए एक रहस्य है, फिर भी ये कांस्य प्रतिमा पारंपरिक करेंसी के इतर वर्चु्अल करेंसी को दुनिया के सामने लाने के लिए इनके योगदान को सम्मान देती है। इसे बुडापेस्ट के ग्राफीशॉप पार्क में रखा गया है। यह एक हुडी पहने हुए व्यक्ति की मूर्ति है जिस पर बिटकॉइन (BTC) का लोगो बनाया गया है। सतोशी नाकामोतो की गुमनामी को बनाए रखने के लिए चेहरे की बनावट को स्पष्ट नहीं रखा गया है। एक वीडियो में प्रतिमा के आसपास लोगों की भीड़ को इवेंट के दौरान तस्वीरें और वीडियो लेते हुए दिखाया गया है।
मूर्ति के अनावरण के इवेंट में "स्टैच्यू ऑफ सातोशी" प्रोजेक्ट के को-फाउंडर और
क्रिप्टो न्यूज़ साइट Kripto Akademia के एडिटर एंड्रास ग्योरफी और हंगेरियन क्रिप्टो एक्सचेंज Shinrai के सीईओ डेब्रेजेनी बरनबास भी मौजूद थे। दोनों ने समारोह में भीड़ को संबोधित किया.
ब्रॉन्ज स्टैच्यू से पर्दा उठाने से पहले ग्योरफी ने कहा, "वह कोई भी हो, बिटकॉइन वैल्यू बनाता है, और खास तौर पर बिटकॉइन ब्लॉकचेन के पीछे की तकनीक, वैल्यू बनाती है।" Cointelegraph की एक रिपोर्ट के अनुसार बरनबास ने कहा, "सातोशी नाकामोतो ने किसी भी तरह के बिचौलियों से मुक्त एक आजाद करेंसी बनाई है। हमने खुद को यह याद दिलाने के लिए यह प्रतिमा बनाई है कि साहस एक पुण्य है। हमें बड़े सपने देखने की जरूरत है।"
"स्टैच्यू ऑफ सातोशी" प्रोजक्ट की घोषणा पहली बार मई में की गई थी। यह Coin, Kripto Akademia, Blockchain Hungary Association, और Blockchain Budapest द्वारा सपोर्ट की गई थी। मूर्तिकार गेर्जली रेका और तमस गिली ने जानबूझकर मूर्ति के चेहरे पर मिरर जैसी चमक बिखेर दी। शायद, उनका उद्देश्य इस बात की ओर ध्यान दिलाना था कि "हम सब सातोशी हैं"।
रिपोर्टों से पता चलता है कि स्टैच्यू को पार्क में Apple के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स जैसी प्रसिद्ध हस्तियों की मूर्तियों के पास रखा जाएगा। यूजर्स इस इवेंट को लेकर पहले से ही उत्साहित रहे। कुछ लोगों ने बिटकॉइन क्रिएटर को कई तरह से पूजा करना शुरू कर दिया है। सातोशी नाकामोतो की पहचान और मौजूदगी के बारे में अटकलें कई लोगों के लिए एक पहेली बनी हुई हैं। खबर लिखने के समय
भारत में बिटकॉइन की कीमत 38,03,883 रुपये थी।