WhatsApp में फालतू नहीं बर्बाद होगा डेटा, डाउनलोड होने वाली मीडिया की क्वालिटी यूजर तय करेंगे!
WhatsApp में फालतू नहीं बर्बाद होगा डेटा, डाउनलोड होने वाली मीडिया की क्वालिटी यूजर तय करेंगे!
इससे यूजर्स को अपनी स्टोरेज और डेटा दोनों पर कंट्रोल मिलेगा। खासकर ग्रुप चैट्स में, जहां अनचाही HD इमेज से फोन की मेमोरी जल्दी भर जाती है और डेटा भी ज्यादा खर्च होता है, यह फीचर काफी काम का साबित हो सकता है।
Written by नितेश पपनोई,
अपडेटेड: 18 अप्रैल 2025 19:12 IST
Photo Credit: Unsplash/ Mika Baumeister
ख़ास बातें
Android के लिए WhatsApp beta version 2.25.12.24 में स्पॉट हुआ नया फीचर
हाई क्वालिटी में आई फोटो को ऐप एक स्टैंडर्ड वर्जन भी तैयार करेगा
यूजर खुद तय कर सकेंगे कि उन्हें कौनसी क्वालिटी में मीडिया फाइल्स चाहिए
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WhatsApp यूजर्स को जल्द ही एक नया कंट्रोल मिल सकता है, जिससे वो यह तय कर सकेंगे कि उन्हें ऑटोमेटिकली डाउनलोड होने वाली फोटोज और वीडियोज किस क्वालिटी में चाहिए। Android के लिए जारी किए गए WhatsApp beta version 2.25.12.24 में इस फीचर की शुरुआती झलक मिली है। यह खासकर ग्रुप चैट्स में काम आ सकता है, जहां अनचाही HD इमेज से फोन की मेमोरी जल्दी भर जाती है और डेटा भी ज्यादा खर्च होता है।
WABetaInfo की लेटेस्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि Android के लिए जारी किए गए WhatsApp beta version 2.25.12.24 में एक नया फीचर जोड़ा गया है। WhatsApp अब एक ऐसा सिस्टम बना रहा है, जिसमें जब कोई यूजर हाई क्वालिटी में फोटो भेजेगा, तो ऐप उस इमेज का एक स्टैंडर्ड वर्जन भी तैयार करेगा। अगर रिसीवर की सेटिंग्स में ऑटो-डाउनलोड सिर्फ स्टैंडर्ड क्वालिटी के लिए सेट है, तो उस केस में वही वर्जन डाउनलोड होगा। हालांकि, अगर यूजर चाहे तो बाद में उसी इमेज या वीडियो की HD क्वालिटी भी मैन्युअली डाउनलोड कर सकता है, बशर्ते वो अभी भी सर्वर पर मौजूद हो।
WhatsApp के इस नए फीचर से यूजर्स को अपनी स्टोरेज और डेटा दोनों पर कंट्रोल मिलेगा। खासकर ग्रुप चैट्स में, जहां अनचाही HD इमेज से फोन की मेमोरी जल्दी भर जाती है और डेटा भी ज्यादा खर्च होता है, यह फीचर काफी काम का साबित हो सकता है। अब यूजर खुद तय कर सकेंगे कि उन्हें कौनसी क्वालिटी में मीडिया फाइल्स चाहिए और जरूरत हो तो HD वर्जन को बाद में टच कर के मैन्युअली डाउनलोड किया जा सकेगा।
रिपोर्ट आगे बताती है कि यह सिस्टम पूरी तरह से WhatsApp के एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। मीडिया फाइल्स को सर्वर पर कम क्वालिटी में प्रोसेस नहीं किया जा सकता, इसलिए सेंडर का डिवाइस ही दोनों क्वालिटी वर्जन तैयार करता है और मैसेज के साथ अटैच करता है। इससे यह भी तय होता है कि प्राइवेसी से समझौता नहीं होगा। फिलहाल यह फीचर डेवलपमेंट स्टेज में है और आने वाले किसी अपडेट में रोलआउट किया जा सकता है।
नितेश पपनोईनितेश को ईमेल करें
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