UPI स्कैम ने तेजी पकड़ ली है, जिसके चलते सरकारी एजेंसियां लोगों को सतर्क रहने के लिए कह रही है और उन्हें जागरुक करने के विभिन्न प्रयासों में लगी है। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन पेमेंट्स का दायरा तेजी से बढ़ा है। इसी साल मई में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस ने रिकॉर्ड बनाया था, जिसमें 14.04 अरब
UPI ट्रांजैक्शंस हुई, जिनकी वैल्यू लगभग 20.45 लाख करोड़ डॉलर थी। यही कारण है कि दिल्ली पुलिस ने लोगों को सावधान रहने के लिए भी कहा है। डिपार्टमेंट ने UPI से जुड़े फ्रॉड से बचने के कुछ तरीकों को भी शेयर किया है।
टीओआई के
अनुसार, 2024 की पहली छमाही में राजधानी दिल्ली में बहुत बड़ी संख्या में UPI से संबंधित फाइनेंशियल स्कैम हुए। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जून तक 25,924 UPI से जुड़ी शिकायतें दर्ज की गईं। रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि UPI से जुड़े घोटालों में पैसे चुराने के लिए कई तरीके इस्तेमाल होते हैं, जैसे नकली पेमेंट स्क्रीनशॉट, नकली UPI QR कोड्स, स्क्रीन मॉनिटरिंग ऐप्स आदि। चलिए आपको सभी के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Fake UPI QR Codes: स्कैमर्स द्वारा पीढ़ित को नकली UPI QR कोड भेजा जाता है, जो उन्हें गलत वेबसाइट्स या ऐप्स तक ले जाते हैं। ये वेब या ऐप इस तरह डिजाइन की गई होती हैं कि यहां यूजर की फाइनेंशियल डिटेल्स को चुरा लिया जाता है।
Screen Monitoring Apps: कई ऐप्स ऐसे होते हैं, जो उन डिवाइस का एक्सेस स्कैमर्स या हैकर्स को दिला सकते हैं, जिनमें वो ऐप्स इंस्टॉल किए गए हो। ये ऐप्स डिवाइस के स्क्रीन पर चल रही सभी एक्टिविटी को रिकॉर्ड करते हैं या डिवाइस पर चल रही एक्टिविटी को स्कैमर्स द्वारा लाइव देखा जा सकता है और ऐसे में यूजर की फाइनेंशियल डिटेल्स, OTP या पिन स्कैमर्स के हाथ लग सकता है।
Collect Request: स्कैमर्स टार्गेट को किसी भी UPI ऐप के जरिए पैसों की एक रिक्वेस्ट भेजते हैं। वे टार्गेट को बर्गलाते हैं और उस रिक्वेस्ट को निष्पादित कराते हैं।
"Friend in Need" Scam: इस स्कैम में स्कैमर्स टार्गेट को उसका कोई दूर का दोस्त या उसका रिश्तेदार बताता है और इस तरह बात करता है मानों वो किसी इमर्जेंसी में फंसा हो और मदद के लिए जल्द से जल्द पैसे भेजने को कहता है। ऐसे में लोग जल्दबाजी में बिना सोचे-समझे या उस व्यक्ति की पहचान वैरिफाई किए पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।
Fake Payment Screenshots: इसमें स्कैमर्स एक नकली ट्रांजेक्शन स्क्रीनशॉट बनाते हैं और टार्गेट को यह कहते हुए दिखाते हैं कि उन्होंने उसे गलती से ज्यादा पैसे भेज दिए हैं। इसके बाद वे टार्गेट को उस पैसे को वापस भेजने के लिए कहते हैं।
दिल्ली पुलिस ने UPI सर्विस इस्तेमाल करने वालों से अनुरोध किया है कि इस तरह के स्कैम से बचें और उन्हें इससे बचने के तरीके भी बताए हैं।
पुलिस के अनुसार, किसी भी ट्रांजेक्शन को सीधे UPI ऐप के जरिए वैरिफाई करें। किसी दोस्त या परिवार के सदस्य द्वारा पैसे मांगने पर उस व्यक्ति की पहचान को वैरिफाई करें। इसके लिए आप उस कॉल को काट कर सीधा खुद से उस दोस्त या परिवार के सदस्य के नंबर पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा, जल्दबाजी में किसी QR कोड को स्कैन कर पैसे न भेजें, बल्कि QR स्कैन करने के बाद मर्चेंट के नाम को ध्यान से देखें और उसके बाद ही पेमेंट करें। इसके अलावा, अपना पिन या OTP जैसी संवेदनशील जानकारी किसी के साथ शेयर न करें। बैंक या कोई भी फाइनेंशियल सर्विस अपने ग्राहकों या यूजर्स से कभी भी इस तरह की जानकारी नहीं लेते हैं।