मेड-इन-इंडिया माइक्रो ब्लॉगिंग साइट Koo App को अब असमी भाषा में भी लॉन्च कर दिया गया है। बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने असमी भाषा में कू ऐप पर अपना पहला संदेश साझा किया। बता दें, मेड-इन-इंडिया Koo App को भारतीय डेवलपर अपरामेय राधाकृष्ण ने अपनी टीम के साथ मिलकर बनाया है, जो ट्विटर (Twitter) का भारतीय विकल्प है। इस ऐप को आत्मनिर्भर भारत कैंपेन का सपोर्ट मिल रहा है। कई बड़े नेता और लोकप्रिय हस्तियां इस ऐप को प्रमोट कर रही हैं।
वहीं, अब इस भाषा को भारतीय क्षेत्र भाषाओं में भी लाने की तैयारी की जा रही है, जिसकी शुरुआत असमी भाषा से हुई है। बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने असमी भाषा में कू ऐप पर अपना
पहला संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि Koo App को असमी भाषा में लॉन्च किया गया है। यह ऐप असम के लोगों को अपनी मातृभाषा में अपने विचार प्रस्तुत करने में मदद करेगा।" उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैं कू ऐप पर लोगों के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक हूं। मैं यहां अपनी राय, घोषणाएं और कई अन्य जानकारियां कू के जरिए प्रस्तुत करूंगा। मैं कू ऐप को उसके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।''
इस संबंध में कू ऐप के को-फाउंडर और सीईओ अपरामेय राधाकृष्ण ने कहा कि वह इस प्लेटफॉर्म पर मुख्यमंत्री जी को देखकर काफी खुश हैं और उम्मीद करते हैं कि यह प्लेटफॉर्म असम के अन्य लोगों को भी उतना ही पसंद आएगा और वह कू पर असमी भाषा में एक-दूसरे से अपने विचार साझा करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, "असम 30 मिलियन से अधिक की आबादी वाला एक बड़ा राज्य है और यहां के लोगों का अपनी भाषा के प्रति अलग ही अपनापन है। कू उन कुछ ही प्लेटफॉर्म्स में से एक होगा जहां वे एक-दूसरे से जुड़ सकेंगे, असमी में विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे और नए दोस्त भी बना पाएंगे।"
आपको बता दें, कू ऐप (What is koo App) नया नहीं है। इसकी
शुरुआत मार्च 2020 में Aprameya Radhakrishna और Mayank Bidawatka (Who Made Koo App) द्वारा की गई थी। हालांकि अब दिग्गज भारतीय नेताओं और बड़े मंत्रालयों द्वारा इसके प्रचार करने के बाद Koo को लोग जान रहे हैं। ऐप को भारतीय तड़का देने के लिए इसमें हिंदी के साथ-साथ, बंगाली, गुजराती, तेलुगू, कन्नड, तमिल, मलयाली, मराठी, पंजाबी और उड़िया भाषाओं का सपोर्ट भी शामिल किया गया है।