Google ने कथित तौर पर प्ले स्टोर (Play Store) से 16 ऐप्स को हटा दिया है। ये ऐप्स स्मार्टफोन और टैबलेट की बैटरी को तेजी से खत्म कर रहे थे और हाई नेटवर्क यूजेज की वजह बन रहे थे, यानी इंटरनेट डेटा की खपत बढ़ा रहे थे। एक सिक्योरिटी फर्म ने इन ऐप्स की पहचान की थी। ये ऐप्स बैकग्राउंड में वेब पेज को खोलकर रियल यूजर के रूप में विज्ञापनों पर क्लिक करके धोखाधड़ी कर रहे थे। सिक्योरिटी फर्म के अनुसार प्ले स्टोर से हटाए जाने से पहले इन ऐप्स में कुल 20 मिलियन यानी 2 करोड़ इंस्टॉलेशन थे। गौरतलब है कि गूगल समय-समय पर उन ऐप्स के खिलाफ एक्शन लेता है, जो उसके नियमों का उल्लंघन करते हैं।
Ars Technica की एक
रिपोर्ट के मुताबिक, Google ने Play Store से 16 ऐप्स को हटा दिया है। इनका
पता सिक्योरिटी फर्म McAfee ने लगाया था। ये सभी ऐप्स एंड्रॉयड स्मार्टफोन और टैबलेट पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध थे। सभी ऐप्स को यूटिलिटी एप्लिकेशन के रूप में लिस्ट किया गया था। ये ऐप फोन का टॉर्च ऑन करना, करेंसी कन्वर्टर, क्यूआर कोड स्कैन करना, कैलकुलेटर जैसे नॉर्मल कामों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे।
हटाए गए ऐप्स की लिस्ट में बुसानबस (BusanBus), जॉयकोड (Joycode), करेंसी कन्वर्टर (Currency Converter), हाई-स्पीड कैमरा (High-Speed Camera), स्मार्ट टास्क मैनेजर (Smart Task Manager), फ्लैशलाइट+ (Flashlight+), के-डिक्शनरी (K-Dictionary), क्विक नोट (Quick Note), एजडिका (EzDica), इंस्टाग्राम प्रोफाइल डाउनलोडर (Instagram Profile Downloader) और ईजी नोट्स (Ez Notes) शामिल हैं।
McAfee ने पाया कि एक बार ओपन किए जाने के बाद ये ऐप्स कोड डाउनलोड कर लेते हैं, जो यूजर्स को अलर्ट किए बिना, लिंक और विज्ञापनों पर क्लिक किए बिना वेब पेज खोलने के लिए नोटिफिकेशन हासिल करते हैं। यह एक्टिविटी कृत्रिम तरीके से विज्ञापनों पर जुड़ाव बढ़ाती है, जो विज्ञापन धोखाधड़ी का ही एक रूप है।
सुरक्षा फर्म ने पाया कि इन ऐप्स में "com.liveposting" और "com.click.cas" नामक एडवेयर कोड थे। ये कोड ऐप्स को लिंक और विज्ञापनों पर क्लिक करने की इजाजत देते थे। यह सब यूजर्स की जानकारी के बिना होता है, जिससे एक्स्ट्रा बैटरी खर्च होती है और नेटवर्क यूजेज भी बढ़ जाता है। Google के मुताबिक Play Store से इन सभी ऐप्स को हटा दिया गया है और Play Protect इन ऐप्स को यूजर्स की डिवाइस पर ब्लॉक कर देता है।