फेसबुक ने 2014 में अपने स्मार्टफोन यूज़र को मैसेज भेजने और पाने के लिए अलग से मैसेंजर ऐप डाउनलोड करने के लिए दबाव डाला था। इसके लिए कंपनी ने फेसबुक ऐप में मैसेजिंग को डिसेबल कर दिया था। अब इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने अपने मोबाइल वेब ऐप में भी मैसेजिंग को बंद करके यूज़र पर मैसेंजर ऐप डाउनलोड करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया है।
दुनियाभर के कई यूज़र शिकायत कर रहे हैं कि वे जब भी फेसबुक मोबाइल वेब ऐप पर मैसेज जांचने की कोशिश करते हैं तो एक मैसेज पॉप अप करता है। इसमें लिखा होता है, "योर कनवरसेशन आर मूविंग टू मैसेंजर।"
इस मैसेज को यूज़र को समझाने के लिए पूरा ब्योरा भी दिया गया है। इसमें लिखा है, "जल्द ही आप अपने मैसेज सिर्फ मैसेंजर में देख पाएंगे।'' कुछ यूज़र का कहना है कि यहां "soon" से फेसबुक का मतलब है अभी। क्योंकि नोटिफिकेशन डिसमिस करने के बाद भी अगर वे किसी मैसेज को खोलने की कोशिश करते हैं तो मोबाइल वेब इटंरफेस उन्हें अपने आप मैसेंजर की गूगल प्ले लिस्टिंग को खोल देता है। गौर करने वाली बात है कि ऐसा फिलहाल एंड्रॉयड यूज़र के साथ हो रहा है।
फेसबुक के एक अधिकारी ने टेक्नोलॉजी वेबसाइट टेकक्रंच को बताया कि कंपनी की कोशिश मैसेजिंग के सबसे बेहतरीन अनुभव मुहैया कराने की है।
इतना तो साफ है कि फेसबुक इसी बहाने मैसेंजर ऐप इस्तेमाल करने वाले यूज़र की संख्या बढ़ाना चाहती है। इसका मतलब है कि जो यूज़र अब तक आधिकारिक फेसबुक ऐप से बचने के लिए मोबाइल वेब इंटरफेस का इस्तेमाल करते रहे हैं, उनके पास अलग से मैसेंजर ऐप डाउनलोड करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।
याद दिला दें कि फेसबुक ने अप्रैल महीने में उसके मैसेंजर वॉयस कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप को दुनिया भर में 900 मिलियन यूज़र द्वारा इस्तेमाल किए जाने की जानकारी दी थी। अगर कंपनी की नई रणनीति के कारण यूज़र मैसेजिंग ऐप इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं तो आने वाले दिनों में मैसेंजर ऐप इस्तेमाल करने वाले यूज़र की संख्या में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है।