500 करोड़ के निवेश से लेकर 18,000 हाई-एंड GPU तक, AI वॉर में एक्टिव हुआ भारत!

DeepSeek की एफिशिएंसी को स्वीकार करते हुए, वैष्णव ने भारत की AI प्रतिभा पर विश्वास जताते हुए कहा कि भारतीय रिसर्चर्स और डेवलपर्स आने वाले दिनों में इसी तरह के इनोवेशन लाएंगे।

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Written by नितेश पपनोई, अपडेटेड: 3 फरवरी 2025 18:43 IST
ख़ास बातें
  • R&D को बढ़ाने के लिए 18,000 हाई-एंड GPU को सूचीबद्ध किया गया
  • ये जीपीयू एआई मॉडल की ट्रेनिंग के लिए अहम हैं
  • मार्च में सरकार ने IndiaAI मिशन के तहत $1.25 बिलियन निवेश की घोषणा की थी

Photo Credit: Reuters

भारत सरकार ने शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित करने के लिए केंद्रीय बजट 2025-26 में 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एनडीटीवी से बात करते हुए रिसर्चर्स, शिक्षाविदों और स्टार्टअप्स को एडवांस AI इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के महत्व पर जोर देते हुए नई और उभरती टेक्नोलॉजी पर सरकार के फोकस पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा, "पूरी फैसेलिटी प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण था ताकि शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, स्टार्ट-अप को उन GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) का उपयोग करने का अवसर मिल सके, जो अत्याधुनिक हैं।"

IndiaAI मिशन के हिस्से के रूप में, सरकार ने देश में एआई रिचर्स एंड डेवलपमेंट को बढ़ाने के लिए पहले ही 18,000 हाई-एंड जीपीयू को सूचीबद्ध कर लिया है। ये जीपीयू एआई मॉडल की ट्रेनिंग के लिए अहम हैं और इनकी संख्या मॉडल कॉम्प्लेक्सिटी, डेटा साइज और ट्रेनिंग ड्यूरेशन जैसे कारकों पर निर्भर करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहल AI क्षमताओं को मजबूत करने और एडवांस कंप्यूटिंग रिसोर्सेज को टेक्नोलॉजी क्षेत्र के लिए अधिक सुलभ बनाने के भारत के व्यापक प्रयासों के अनुरूप है। इस कदम से स्टार्टअप्स, रिसर्च सेंटर और AI-पावर्ड इनोवेशन पर काम करने वाले बिजनेस को लाभ मिलने की उम्मीद है।

शिक्षा के लिए इस नए AI सेंटर के लिए बजट आवंटन पिछले निवेशों पर आधारित है। मार्च 2024 में, सरकार ने IndiaAI मिशन के तहत 1.25 बिलियन डॉलर AI निवेश की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य AI स्टार्टअप को सपोर्ट करना और एक मजबूत AI इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। इसके अलावा, यह नया एक्सिलेंस सेंटर कृषि, स्वास्थ्य और स्सटेनेबल शहरों के लिए 2023 में स्थापित तीन एक्सिलेंस सेंटर्स में शामिल होगा। सरकार कथित तौर पर AI डेवलपमेंट में रिसर्च सेंटर को एक प्रमुख स्तंभ के रूप में देखती है और कई क्षेत्रों में AI एप्लिकेशन के विस्तार पर फोकस कर रही है।

पब्लिकेशन से बात करते हुए श्री वैष्णव ने चाइनीज AI चैटबॉट DeepSeek के बारे में भी बात की, जिसने दुनिया भर में चर्चा छेड़ दी है। डीपसीक ने एनवीडिया के H800 चिप्स का उपयोग करके $6 मिलियन से कम खर्च करके केवल दो महीनों में एक AI मॉडल बनाने का दावा किया है। इसकी एफिशिएंसी को स्वीकार करते हुए, वैष्णव ने भारत की AI प्रतिभा पर विश्वास जताते हुए कहा कि भारतीय रिसर्चर्स और डेवलपर्स आने वाले दिनों में इसी तरह के इनोवेशन लाएंगे।

 
 

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