टेलीकॉम इंडस्ट्रीज की दो जानी मानी कंपनियां Idea Cellular और Vodafone का विलय पूरा हो गया है। मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी जियो इंफोकॉम समेत कई अन्य टेलीकॉम कंपनियां वोडाफोन और आइडिया की प्रतिद्धंदी कंपनी हैं।Reliance Jio ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में आए दिन सस्ते प्लान लॉन्च करने की वजह से तहलका मचा रखा है। आइडिया ने कहा कि मर्जर के बाद मार्केट में आय का शेयर 40 प्रतिशत और कुल 400 मिलियन सब्सक्राइबर्स होने का अनुमान है। जो भारती एयरटेल के मुकाबले से कई गुना ज्यादा है। Vodafone और आइडिया मर्जर से अन्य टेलीकॉम कंपनियों पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। अब देखने वाली बात यह भी होगी कि इस मर्जर से मुकाबले के लिए अन्य टेलीकॉम कंपनियां क्या रणनीति बनाकर मार्केट में उतरती हैं।
वोडाफोन और आइडिया के विलय से देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी की शुरुआत होगी जिसका आकार 23 अरब डॉलर होगा (लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये) है। एंटिटी बोर्ड में 12 डायरेक्टर होंगे, जिसमें चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला और सीईओ बलेश शर्मा होंगे। हिमांशु कपानिया आइडिया में मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। लेकिन वह मर्जर के एंटिटी बोर्ड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर में भी अपनी सर्विस देते रहेंगे।
जुलाई में टेलीकॉम डिपार्टमेंट से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद Vodafone-Idea के मर्जर को एनसीएलटी की मंजूरी मिल गई है। रिलायंस जियो के मार्केट में आने के बाद से टैरिफ वॉर चल रहा है। मर्जर के बाद नई कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड होगा। वोडाफोन- आइडिया मर्जर के बाद यह नई कंपनी भारती एयरटेल और रिलायंस जियो इन्फोकॉम को कड़ी चुनौती देगी।
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