सरकार ने मंगलवार को उच्च स्तरीय 5जी समिति गठित की। समिति को 2020 तक प्रौद्योगिकी क्रियान्वित करने के लिये रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, "हमने उच्च स्तरीय 5जी कमेटी गठित की है जो 5जी के बारे में दृष्टिकोण, मिशन और लक्ष्यों को लेकर काम करेगी। दुनिया में 2020 में जब 5जी प्रौद्योगिकी लागू होगी, मुझे भरोसा है कि भारत उनके साथ खड़ा रहेगा।"
अधिकारियों के अनुसार सरकार 5जी से जुड़ी गतिविधियों के लिए 500 करोड़ रुपये का कोष सृजित करने पर काम कर रही है। यह कार्य मुख्य रूप से शोध और उत्पाद विकास का होगा।
5जी प्रौद्योगिकी के तहत सरकार का शहरी क्षेत्रों में 10,000 मेगाबाइट प्रति सेकेंड (एमबीपीएस) और ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 एमबीपीएस की गति उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस समिति में दूरसंचार, इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव शामिल हैं।
इस महीने ही क्वालकॉम के सीईओ स्टीवन मौलेनकॉफ ने कहा था कि आम इस्तेमाल के लिए फिट पहला 5जी फोन मार्केट में 2019 तक उपलब्ध हो जाएगा। पुराने अनुमान से एक पहले। फोन कई एशियाई देशों और अमेरिका में उपलब्ध होगा।
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