अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बुधवार को अपनी वायरलेस दूरसंचार कारोबार की प्रतिद्वंदी एयरसेल के साथ विलय पर सहमति जतायी। इस विलय से देश की चौथी सबसे बड़ी दूरंसचार इकाई सृजित होगी जिसकी संपत्ति 65,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी।
यह देश के दूरसंचार क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ी एकीकरण है। आरकॉम तथा एयरसेल की बहुलांश हिस्सेदार मलेशिया की मैक्सिस कम्युनिकेशंस बर्हाड (एमसीबी) ने अपने भारतीय वायरलेस कारोबार के विलय के लिये दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की घोषणा की।
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले एडीएजी समूह की आरकॉम और मलेशिया की मैक्सिस कम्युनिकेशंस बेर्हाड की इस साझा इकाई में दोनों भागीदारों की आधे-आधे की हिस्सेदारी होगी। दोनों कंपनियों की निदेशक मंडल तथा समितियों में समान भागीदारी होगी। दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘आरकॉम-एयरसेल विलय से मजबूत कंपनी सृजित होगी जो 12 सर्किल में ग्राहक तथा आय के आधार पर देश की चौथी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी होगी।’’ आरकॉम 11 करोड़ ग्राहकों के साथ देश का चौथा सबसे बड़ा दूरसंचार परिचालक है। वहीं एयरसेल 8.4 करोड़ ग्राहकों के साथ पाचवें स्थान पर है।
आरकॉम की बाजार हिस्सेदारी 9.8 प्रतिशत जबकि एयरसेल की 8.5 प्रतिशत है। इससे पहले, सिस्तेमा का आरकॉम में विलय हुआ था जिसकी हिस्सेदारी 0.7 प्रतिशत थी।
आरकाम और एयरसेल के विलय के बाद दोनों कंपनियां संयुक्त उद्यम को अपने 14,000-14,000 करोड़ रुपये कर्ज हस्तांतरित करेगी। इससे नई कंपनी के उपर 28,000 करोड़ रुपये का कर्ज होगा। इसमें स्पेक्ट्रम के 6,000 करोड़ रुपये के भुगतान का दायित्व शामिल नहीं है।
इस सौदे से आरकॉम को अपना कर्ज 20,000 करोड़ रुपये कम करने में मदद मिलेगी। यह उसके कुल कर्ज का 40 प्रतिशत है।
बयान के अनुसार, ‘‘आरकॉम घरेलू और वैश्विक उपक्रम खंड, डाटा केंद्रों, आप्टिक फाइबर तथा संबंधित दूरसंचार ढांचागत सुविधा के अलावा मूल्यवान जमीन-जायदाद में उच्च वृद्धि कारोबार को आगे बढ़ाना जारी रखेगी।’’ एमटीएस (सिस्तेमा) की आरकॉम में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बनी रहेगी।
नई इकाई देश में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक होगी जिसके पास 65,000 करोड़ रुपये (9.7 अरब डालर) की संपत्ति होगी और इसका नेटवर्थ 35,000 करोड़ रुपये (5.2 अरब डालर) होगा।
उसके पास कुल स्पेक्ट्रम का 19.3 प्रतिशत होगा जो क्षेत्र में सबसे अधिक है। इस स्पेक्ट्रम में 850, 900, 1800 तथा 2100 मेगाहट्र्ज बैंड में कुल 448 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम शामिल होगा जो पूरे देश में 2जी, 3जी और 4जी सेवा उपलब्ध कराने में काम आ सकेगा।
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