अब रात में तारे कम क्‍यों दिखाई देते हैं? स्‍टडी में हुआ खुलासा, जानें

स्‍टडी में कहा गया है कि शहरों की लाइटें हर साल आसमान की चमक में 9.6 फीसदी की बढ़ोतरी कर रही हैं।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 20 जनवरी 2023 13:07 IST
ख़ास बातें
  • लाइट प्रदूषण का असर
  • शहरों में दिखाई दे रहा ज्‍यादा प्रभाव
  • हर साल बढ़ रहा लाइट पल्‍यूशन

इससे ना सिर्फ इंसान बल्कि उन क्षेत्राें में रहने वाले जानवर भी प्रभावित हो रहे हैं।

आपने लाइट पल्‍यूशन या प्रकाश प्रदूषण के बारे में सुना है? अवांछित, गैरजरूरी और आर्टिफ‍िशियल लाइटिंग के बेतहाशा इस्‍तेमाल से दुनिया में प्रकाश प्रदूषण बढ़ा है। अब एक स्‍टडी में बताया गया है कि प्रकाश प्रदूषण रात में आसमान को चमका रहा है। इसकी वजह से तारे ‘गायब' हो रहे हैं, यानी जिन तारों को पहले आंखों से देखा जा सकता था, वह अब आसमान में चमक बढ़ने की वजह से दिखने बंद हो गए हैं। स्‍टडी में बताया गया है कि 18 साल पहले एक आम इंसान या स्‍टार गेजर रात के समय आकाश में 250 रोशनी के छीटों या ऑब्‍जेक्‍ट्स को देख पाता था। अब यह संख्‍या सिमटकर 100 पर आ गई है। यह आंकड़े दुनियाभर के हजारों सिटिजन साइंटिस्‍टों की जानकारी से जुटाए गए हैं। 

तारों का दिखना कम क्‍यों हो गया? स्‍टडी में इसकी वजह प्रकाश प्रदूषण में बढ़ोतरी को बताया गया है, जिसकी बड़ा हिस्‍सा शहरों में चमकने वाली लाइटिंग से आता है। स्‍टडी में कहा गया है कि शहरों की लाइटें हर साल आसमान की चमक में 9.6 फीसदी की बढ़ोतरी कर रही हैं। 

स्‍टडी कहती है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आसमान अलग-अलग दर से चमक रहा है। स्‍टडी में पाया गया कि यूरोप में आसमान के चमकने की दर 6.5 फीसदी प्रति वर्ष है, जबकि उत्तरी अमेरिका में प्रकाश प्रदूषण के कारण आसमान की चमक हर साल 10.4 फीसदी बढ़ जाती है। स्‍टडी कहती है कि शहरी वातावरण में जिस तेजी से तारे दिखाई देना बंद हो रहे हैं, वह बेहद नाटकीय है। 

इस स्‍टडी को GFZ जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेस, रुहर-यूनिवर्सिटेट बोचुम और यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन के NOIRLab के रिसर्चर्स ने मिलकर पूरा किया। इसका नाम "ग्लोब एट नाइट" सिटीजन साइंस प्रोजेक्ट है। साल 2011 से 2022 तक इस स्‍टडी को अंजाम दिया गया। यह स्‍टडी जर्नल साइंस में पब्लिश हुई है। 

स्‍टडी कहती है कि प्रकाश प्रदूषण में बढ़ोतरी चिंता की बात है। इससे ना सिर्फ इंसान बल्कि उन क्षेत्राें में रहने वाले जानवर भी प्रभावित हो रहे हैं। रिसर्चर्स ने बताया है कि आकाश रात में कितना चमकता है, इसे पहले कभी मापा नहीं गया। हालांकि सैटेलाइट से मिले आंकड़ों के आधार पर कुछ अनुमान मौजूद हैं। स्‍टडी का एक पहलू यह भी है कि रिसर्चर्स के पास विकासशील देशों का पर्याप्त डेटा नहीं था, जहां यह बदलाव और तेजी से हो रहा है। 
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. GPT-5 हुआ लॉन्च: अब Ph.D. लेवल का एक्सपर्ट देगा जवाब, Free यूजर्स के लिए भी उपलब्ध
  2. 64MP कैमरा, 5500mAh बैटरी और AI फीचर्स के साथ Infinix GT 30 5G+ लॉन्च, जानें खासियतें
  3. iQOO ने 8,000mAh की पावरफुल बैटरी के साथ लॉन्च किया Z10 Turbo+ 5G, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. Samsung के फोल्डेबल फोन हुए सस्ते! Rs 12,000 तक के डिस्काउंट पर खरीदें Galaxy Z Flip 7 मॉडल्स
#ताज़ा ख़बरें
  1. 5G और 6G टेक्नोलॉजी में रिसर्च के लिए सरकार ने खर्च किए 304 करोड़ रुपये  
  2. Xiaomi की 9,000mAh तक की बैटरी के साथ Redmi का स्मार्टफोन लॉन्च करने की तैयारी
  3. Flipkart Freedom Sale के आखिरी दिन 10 हजार रुपये सस्ता खरीदें ट्रिपल 50MP कैमरा वाला Nothing का फ्लैगशिप फोन
  4. Samsung के फोल्डेबल फोन हुए सस्ते! Rs 12,000 तक के डिस्काउंट पर खरीदें Galaxy Z Flip 7 मॉडल्स
  5. Realme P4 Series जल्द होगी भारत में लॉन्च, Flipkart के जरिए होगी बिक्री
  6. Redmi 15 5G हुआ लॉन्च: 7000mAh बैटरी, 8GB रैम और 256GB स्टोरेज, वो भी 'बजट' में! जानें कीमत
  7. OnePlus Pad 3 Mini: कॉम्पैक्ट गेमिंग टैबलेट ला रहा है वनप्लस! स्पेसिफिकेशन्स हुए लीक
  8. 64MP कैमरा, 5500mAh बैटरी और AI फीचर्स के साथ Infinix GT 30 5G+ लॉन्च, जानें खासियतें
  9. GPT-5 हुआ लॉन्च: अब Ph.D. लेवल का एक्सपर्ट देगा जवाब, Free यूजर्स के लिए भी उपलब्ध
  10. Infinix GT 30 5G+ भारत में आज हो रहा लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.