रूस-यूक्रेन युद्ध का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर नहीं पड़ेगा असर: नासा

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में अमेरिका की तरफ से पावर और लाइफ सपोर्ट उपलब्ध करवाया जाता है। जबकि रूस की तरफ से प्रोपल्शन और एटीट्यूड कंट्रोल किया जाता है।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 17 मार्च 2022 13:27 IST
ख़ास बातें
  • नासा ने कहा कि रूस और अमेरिका के तनाव का असर स्पेस ऑपरेशन पर नहीं होगा।
  • 30 मार्च को रूसी कैप्सूल में स्पेस से लौटेंगे तीन अंतरिक्ष यात्री।
  • वापसी यात्रा योजनाबद्ध तरीके से होगी पूरी।
रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। इस बीच नासा (NASA) ने कहा है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) के ऑपरेशन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। साथ ही रशियन कैप्सूल पर सवार एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री भी योजनाबद्ध तरीके से तय है, जिन्हें इस महीने के अंत में वापस लौटना है। 

Mark Vande Hei नाम के अंतरिक्ष यात्री अपने अन्य साथियों Pyotr Dubrov और Anton Shkaplerov के साथ 30 मार्च को कजाकिस्तान के Baikonur Cosmodrome लिए उड़ान भरने वाले हैं। ये लोग 355 दिन के बाद रूसी कैप्सूल Soyuz पर सवार होकर स्पेस से लौटेंगे। यह अमेरिका का एक नया रिकॉर्ड होगा। 

अंदेशा लगाया जा रहा था कि यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच चल रहे तनाव के कारण कहीं 55 वर्षीय Mark Vande Hei भी बाहर ही उलझे न रह जाएं। लेकिन मीडिया को दिए एक हालिया बयान में नासा के आईएसएस प्रोग्राम मैनेजर जॉयल मॉन्टालबानो ने कहा, "मैं यह पुख्ता तौर पर कह सकता हूं कि मार्क सोयूज पर घर वापसी कर रहे हैं। हम अपने रशियन साथियों के साथ संपर्क में हैं। इसमें कोई अड़चन नहीं है। तीनों क्रू मेंबर घर वापसी कर रहे हैं।"

वीकेंड में रूस की स्पेस एजेंसी के चीफ दिमित्री रोगोजिन ने फिर से चेतावनी दी कि रूस पर पश्चिमी प्रतिबंध आईएसएस को क्रैश कर सकते हैं। जिससे स्पेसक्राफ्ट का संचालन रुक सकता है जो इसे ऑर्बिट में बनाए रखने के लिए जरूरी है।

उसके बाद इस हफ्ते की शुरुआत में रूसी समाचार एजेंसी TASS ने कहा: "रूस के स्पेस कॉर्पोरेशन रोस्कोसमोस ने अपने साथियों को कभी भी इसकी विश्वसनीयता पर संदेह करने का ज़रा भी मौका नहीं दिया और Vande Hei योजना के अनुसार घर जाएंगे।"
Advertisement

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में अमेरिका की तरफ से पावर और लाइफ सपोर्ट उपलब्ध करवाया जाता है। जबकि रूस की तरफ से प्रोपल्शन और एटीट्यूड कंट्रोल किया जाता है। 1990 के दशक में इसे बनाने के बाद से दोनों एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। अमेरिका लगातार Northrop Grumman और SpaceX शिप के माध्यम से कोशिश कर रहा है कि स्टेशन को ऑर्बिट में रखा जा सके, लेकिन अभी तक ऐसा करने में यह सफल नहीं हो पाया है। इसलिए स्पेस स्टेशन का ऑर्बिट में बना रहना रूस की मदद के बिना अभी तक संभव नहीं है।

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

The resident bot. If you email me, a human will respond. ...और भी
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. OnePlus 13s Launch LIVE: वनप्लस का पहला कॉम्पैक्ट फ्लैगशिप स्मार्टफोन आज होगा लॉन्च, जानें कैसे होंगे फीचर्स
  2. Upcoming Smartphones (June 2025): जून में लॉन्च होंगे Vivo, Poco और OnePlus के ये 3 स्मार्टफोन!
#ताज़ा ख़बरें
  1. Top Smartphones Under Rs 50,000: Motorola, Google, Realme, Oppo के 5 टॉप स्मार्टफोन!
  2. Mahindra की XEV 9e और BE 6 इलेक्ट्रिक SUVs को जोरदार रिस्पॉन्स, 10,000 यूनिट्स की डिलीवरी
  3. भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च कर सकती है Elon Musk की Starlink
  4. AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद इंजीनियर्स की हायरिंग जारी रखेगी Google
  5. Oppo की Reno 14 के लॉन्च की तैयारी, NBTC साइट पर हुई लिस्टिंग
  6. Jio ने 5G कवरेज, क्वालिटी और अपलोड स्पीड में मारी बाजी, Airtel की डाउनलोड स्पीड पर पकड़ बरकरार!
  7. Nintendo Switch 2 में मिला 7.9-इंच डिस्प्ले, 30 गेम्स का सपोर्ट और 120Hz रिफ्रेश रेट, इस कीमत पर हुआ लॉन्च
  8. Xiaomi 16 में मिल सकता है 6.9 इंच डिस्प्ले, 7,000mAh की बैटरी
  9. Redmi Pad 2 भारत में 18 जून को होगा लॉन्च, डिजाइन और स्पेसिफिकेशंस हुए टीज
  10. Tecno Pova Curve 5G की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.