सूर्य फ‍िर ‘भड़का’, निकला सबसे ताकतवर सोलर फ्लेयर, न्‍यूजीलैंड-ऑस्‍ट्रेलिया में रेडियो ब्‍लैकआउट

Solar Flare : आज भी एक सोलर फ्लेयर एक्टिविटी सूर्य में देखी गई है। X क्‍लास कैटिगरी का यह सोलर फ्लेयर पृथ्‍वी पर शॉर्टवेव रेडियाे ब्‍लैकआउट की वजह बना।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 6 जनवरी 2023 16:21 IST
ख़ास बातें
  • हमारा सूर्य अपने 11 साल के चक्र से गुजर रहा है
  • इसकी वजह से वह काफी ज्‍यादा एक्टिव है
  • सूर्य में हो रही गतिविधियां पृथ्‍वी को प्रभावित कर रही हैं

बुधवार को भी पृथ्वी को एक छोटे सौर तूफान का सामना करना पड़ा था। इसने एक सैटेलाइट पर असर डाला और उसे ऑर्बिट से दूर कर दिया।

हमारा सूर्य अपने 11 साल के चक्र से गुजर रहा है और बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। इसकी वजह से सूर्य में सनस्‍पॉट देखने को मिल रहे हैं, जिनसे सोलर फ्लेयर्स, कोरोनल मास इजेक्‍शन (CME) जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। यह पृथ्‍वी को प्रभावित कर रही हैं। आज भी एक सोलर फ्लेयर एक्टिविटी सूर्य में देखी गई है। X क्‍लास कैटिगरी का यह सोलर फ्लेयर पृथ्‍वी पर शॉर्टवेव रेडियाे ब्‍लैकआउट की वजह बना, जिससे साउथ पैसिफ‍िक के इलाके मसलन- ऑस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड प्रभावित हुए।    

कल एक र‍िपोर्ट में हमने आपको बताया था कि हमारी पृथ्‍वी के लिए आने वाले कुछ दिन काफी महत्‍वपूर्ण हैं। दरअसल, सूर्य में दूर छुपे एक सनस्‍पॉट से चुंबकित (magnetized) प्‍लाज्‍मा का विशाल बादल फटा है, जिसे CME (कोरोनल मास इजेक्‍शन) भी कहा जाता है। इससे पृथ्‍वी को कोई खतरा तो नहीं है, लेकिन सूर्य में छुपा सनस्‍पॉट जल्‍द पृथ्‍वी की ओर फोकस कर सकता है। इसके बाद होने वाले विस्‍फोटों से पृथ्‍वी प्रभावित हो सकती है। 

इससे पहले बुधवार को भी पृथ्वी को एक छोटे सौर तूफान का सामना करना पड़ा था। इसने एक सैटेलाइट पर असर डाला और उसे ऑर्बिट से दूर कर दिया। और आज निकले सोलर फ्लेयर की वजह से पृथ्वी सीधे तौर पर प्रभावित हुई है। इसने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड समेत दक्षिण प्रशांत क्षेत्र को प्रभावित किया है, जहां शॉर्टवेव रेडियो ब्‍लैकआउट हुआ है। 

SpaceWeather.com ने बताया है कि पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले सैटेलाइट्स ने X1.2-कैटिगरी के सोलर फ्लेयर का पता लगाया है। इसका सोर्स सूर्य उभरता सनस्पॉट AR3182 है। सोलर फ्लेयर इतना मजबूत था कि इसने शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट करते हुए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड समेत अधिकांश दक्षिण प्रशांत क्षेत्र को प्रभावित किया। 

सुबह लगभग 6:27 मिनट पर सैटेलाइट्स को इस सोलर फ्लेयर का पता चला। अभी यह पता चलना बाकी है कि इस सोलर फ्लेयर की वजह से किसी सैटेलाइट को नुकसान पहुंचा है या नहीं। गौरतलब है कि एक्स-क्लास के सोलर फ्लेयर, सबसे पावरफुल सोलर फ्लेयर्स में शामिल हैं। इसकी वजह से जीपीएस और वायरलेस कम्‍युनिकेशंस पर असर पड़ सकता है। पावर ग्रिड से लेकर सुपरकंप्यूटर को भी नुकसान हो सकता है। 
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