मंगल ग्रह खूबसूरती में धरती से कई गुना आगे! ESA ने 20 साल के डेटा को मिलाकर दिखाई ऐसी तस्वीर, नहीं होगा आंखों पर यकीन!

हाई रेजॉल्यूशन स्टीरियो कैमरा (HRSC) ने ऊंचाई से (4000 किलोमीटर से 10,000 किलोमीटर के बीच) 90 फोटो इकट्ठा कीं।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 11 जून 2023 20:29 IST
ख़ास बातें
  • Mars Express मिशन को 2 जून, 2003 में लॉन्च किया गया था।
  • ऑर्बिटर 20 साल से इसके चक्कर लगा रहा है।
  • यह मंगल की सतह के बारे में जानकारी जुटा रहा है।

20 साल पहले 2003 में एजेंसी का मार्स एक्सप्रेस (Mars Express) मिशन लॉन्च किया गया था।

Photo Credit: Inverse

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने मंगल ग्रह की एक ऐसी फोटो शेयर की है जिसे देखकर आप कह उठेंगे- क्या मंगल इतना खूबसूरत है! जी हां, मंगल ग्रह की खूबसूरती हमारी पृथ्वी से कम नहीं है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने 20 साल के डेटा से बनाई गई यह इमेज शेयर की है। 20 साल पहले 2003 में एजेंसी का मार्स एक्सप्रेस (Mars Express) मिशन लॉन्च किया गया था। तब से लेकर अब तक के इकट्ठा किए गए डेटा को मिलाकर यह मोजैक तैयार किया गया है। इसे हाई रेजॉल्यूशन स्टीरियो कैमरा (HRSC) की मदद से तैयार किया गया है।  

हाई रेजॉल्यूशन स्टीरियो कैमरा (HRSC) ने ऊंचाई से (4000 किलोमीटर से 10,000 किलोमीटर के बीच) 90 फोटो इकट्ठा कीं। ऐसा करके इसने 2500 किलोमीटर के दायरे वाले एरिया को कैप्चर किया। उसके बाद इन फोटो को एक साथ रखा गया। फिर जो रंग उभरकर आए, वो वाकई हद से ज्यादा खूबसूरत रूप मंगल ग्रह को दे रहे हैं। देखें मंगल ग्रह का ये अद्भुत रूप- 

फोटो देखकर पता चलता है कि लाल ग्रह कहा जाने वाला यह पड़ोसी खगोलीय पिंड अपने साथ कितने रंग लिए हुए है। मंगल का ऐसा रूप अब से पहले कभी नहीं देखा गया था। अब एक सवाल आपके मन में भी उठ रहा होगा कि फिर यह लाल क्यों दिखाई देता है? Inverse की रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगल पर आक्सीडाइज्ड आयरन बहुत अधिक मात्रा में मौजूद है। इसी के कारण यह लाल दिखता है। लेकिन ग्रह के बड़े हिस्से में सलेटी या नीले रंग की छटा दिखती है। जैसा कि फोटो भी दिखा रही है। 

ESA के अनुसार, इसमें जो नीले टोन वाला एरिया दिख रहा है यह ज्वालामुखीय क्षेत्र के कारण दिख रहा है जिसमें ग्रे-ब्लैक मिट्टी मौजूद है। मंगल पर चिकनी मिट्टी और सल्फेट मिनरल सामान्य रूप से सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। इस फोटो में ये काफी चमकीले दिख रहे हैं। इस तरह के मिनरल संकेतों का मतलब बताया गया है कि कभी यहां तरल पानी भी मौजूद रहा होगा। वहीं, सल्फेट मिनरल इशारा करते हैं यहां का वातावरण जीवन के प्रतिकूल ज्यादा एसिडिक रहा होगा। 

Mars Express मिशन को 2 जून, 2003 में लॉन्च किया गया था। ऑर्बिटर 20 साल से इसके चक्कर लगा रहा है। यह मंगल की सतह के बारे में जानकारी जुटा रहा है, इसके मिनरल का पता लगा रहा है। साथ ही यह भी पता लगा रहा है कि यहां का वातावरण कैसा है और यह कैसे सर्कुलेट करता है। 
 
 

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