धरती पर जहां इंसान का रहना मुमकिन नहीं, एलन मस्‍क की स्‍टारलिंक ने वहां भी पहुंचा दिया इंटरनेट!

स्‍पेसएक्‍स भी इस कामयाबी को सेलिब्रेट कर रही है। कंपनी ने ट्वीट किया कि स्टारलिंक अब सभी सात महाद्वीपों पर है! अंटार्कटिका जैसी दूरस्थ जगह में यह क्षमता स्टारलिंक के अंतरिक्ष लेजर नेटवर्क के जरिए सक्षम है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 15 सितंबर 2022 12:23 IST
ख़ास बातें
  • अंटार्कटिका में स्‍टारलिंक इंटरनेट सर्विस की टेस्टिंग हो रही है
  • यानी अब स्‍टारलिंक की सर्विस सातों महाद्वीपों पर है
  • स्‍पेसएक्‍स इस कामयाबी को सेलिब्रेट कर रही है

गौरतलब है कि स्पेसएक्स 3,200 से ज्‍यादा स्टारलिंक सैटेलाइट्स को लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्‍च कर चुकी है।

दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक एलन मस्‍क (Elon Musk) की कंपनी स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) उसकी स्‍टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को दूरस्‍थ इलाकों तक पहुंचाने में जुटी है। कंपनी ने दुनिया के सबसे ठंडे और निर्जन इलाके में उसकी सर्विस की टेस्टिंग शुरू कर दी है। आप सही समझ रहे हैं, कंपनी अंटार्कटिका में इंटरनेट सर्विस को लेकर जा रही है। अंटार्कटिका के तट पर मैकमुर्डो स्टेशन (McMurdo Station) पर अब यह संभावित रूप से उपलब्ध है। इसका मतलब है कि स्‍टारलिंक की इंटरनेट सर्विस अब सातों महाद्वीपों पर मौजूद है। मैकमुर्डो स्टेशन एक रिसर्च आउटपोस्‍ट है, जिसे यूनाइटेड स्‍टेट अंटार्कटिक प्रोग्राम (USAP) संचालित करता है। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह जानकारी बुधवार को US नेशनल साइंस फाउंडेशन ने दी। एक ट्वीट में बताया गया कि हाल में डिप्‍लॉय किए गए यूजर टर्मिनल के साथ स्टारलिंक, मैकमुर्डो स्टेशन पर पोलर सर्विस की टेस्टिंग कर रहा है, जिससे बैंडविड्थ और कनेक्टिविटी बढ़ रही है। स्‍पेसएक्‍स भी इस कामयाबी को सेलिब्रेट कर रही है। कंपनी ने ट्वीट किया कि स्टारलिंक अब सभी सात महाद्वीपों पर है! अंटार्कटिका जैसी दूरस्थ जगह में यह क्षमता स्टारलिंक के अंतरिक्ष लेजर नेटवर्क के जरिए सक्षम है। 
 

गौरतलब है कि स्पेसएक्स 3,200 से ज्‍यादा स्टारलिंक सैटेलाइट्स को लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्‍च कर चुकी है। कंपनी के पास 12 हजार स्‍टारलिंक स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च करने की इजाजत है, हालांकि 30,000 और सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में भेजने के लिए आवेदन किया हुआ है। 

इसके अलावा, स्‍पेसएक्‍स और अमेरिका की टी-मोबाइल कवरेज एबव एंड बियॉन्ड (Coverage Above and Beyond) नाम के एक प्रोजेक्‍ट पर काम कर रही हैं। इसका मकसद टी-मोबाइल कस्‍टमर्स को हर जगह स्मार्टफोन कनेक्टिविटी प्रदान करना है। सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो स्‍पेसएक्‍स का स्टारलिंक सैटेलाइट नेटवर्क अगले साल से सीधे स्मार्टफोन पर सर्विस शुरू कर देगा। यानी फोन में सीधे सैटेलाइट से नेटवर्क आएगा। 
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कवरेज एबव एंड बियॉन्ड के लिए स्टारलिंक वर्जन 2 की जरूरत होगी, जिसके अगले साल शुरू होने की उम्मीद है। ‘स्‍टारलिंक वर्जन 2' करीब 23 फीट लंबा और 1.25 टन का होगा। यह मौजूदा स्‍टारलिंक सैटेलाइट से काफी बड़ा होगा, जो 300 किलोग्राम के हैं। ‘स्‍टारलिंक वर्जन 2' को लॉन्‍च करने के लिए कंपनी को उसके नेक्‍स्‍ट जेन ट्रांसपोर्टेशन सिस्‍टम की जरूरत पड़ेगी, जिसे स्‍टारशिप कहा जाता है। 
 

 

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प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

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