इस एस्‍टरॉयड में नमक है! वैज्ञानिकों ने की बेहद अनोखी खोज, जानें इसके बारे में

जापान के हायाबुसा मिशन ने साल 2005 में एस्‍टरॉयड इटोकावा (Itokawa) से एक सैंपल कलेक्‍ट किया था।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 14 जून 2023 14:38 IST
ख़ास बातें
  • 12 साल पुराने सैंपल की जांच में चला पता
  • एस्‍टरॉयड के सैंपल में मिले नमक के कण
  • सैंपल को साल 2010 में पृथ्‍वी पर लाया गया था

सैंपल को साल 2010 में पृथ्‍वी पर लाया गया था।

Photo Credit: सांकेतिक तस्‍वीर

जब वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में पानी की मौजूदगी के सबूत मिल सकते हैं, तो नमक क्‍या चीज है! रिसर्चर्स ने एक जापानी स्‍पेसक्राफ्ट द्वारा पृथ्‍वी पर लाए गए एक एस्‍टरॉयड (Asteroid) के सैंपल में नमक (सोडियम क्‍लोराइड) के क्रिस्‍टल की खोज की है। जापान के हायाबुसा मिशन ने साल 2005 में एस्‍टरॉयड इटोकावा (Itokawa) से एक सैंपल कलेक्‍ट किया था। सैंपल को साल 2010 में पृथ्‍वी पर लाया गया था। इसका विश्‍लेषण करने के बाद नमक के जो क्रिस्‍टल मिले हैं, वह वैसे ही दिखते हैं, जैसे घर में इस्‍तेमाल होने वाले नमक के क्रिस्‍टल होते हैं।  

यह अपनी तरह का पहला शोध है, जो बताता है कि पृथ्‍वी पर नमक के क्रिस्‍टल इसके पैरंट एस्‍टरॉयड से आए थे। इटोकावा एक एस-टाइप का एस्‍टरॉयड है। ऐसे उल्‍कापिंड और एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी पर पूर्व में पाए जाते रहे हैं। 

पिछले साल एक स्‍टडी से यह भी पता चला था कि पृथ्‍वी पर पानी एस्‍टरॉयड से आया हो सकता है। रिसर्चर्स ने एस्‍टरॉयड रयुगु (Ryugu) के पृथ्वी पर लाए गए सैंपलों की जांच के बाद यह निष्‍कर्ष निकाला था। इन सैंपलों को भी जापान के स्‍पेसक्राफ्ट हायाबुसा -2 (Hayabusa-2) ने जुटाया था। 

रिसर्चर्स का मानना है कि पृथ्वी, सोलर नेबुला के इनर क्षेत्र में बनी है, जहां तापमान बहुत अधिक था। इसका मतलब है कि  पृथ्वी पर पानी, सोलर नेबुला के बाहरी इलाकों से आना था, जहां तापमान कम रहा होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि सोलर नेबुला के बाहर मौजूद धूमकेतु और एस्‍टरॉयड पानी को पहुंचाने के लिए पृथ्‍वी से टकराए।

रिसर्चर्स ने जिस सैंपल में नमक यानी साेडियम क्‍लोराइड की खोज की, वह एक धूल का कण है, जिसका व्‍यास 150 माइक्रोमीटर है। यह इंसान के बाल के चौड़ाई से दोगुना है। टीम ने इस कण का छोटा सा हिस्सा जो केवल 5 माइक्रोन चौड़ा था, उसे लेकर जांच की। 
Advertisement

रिसर्चर्स ने इस बात से इनकार किया कि सैंपल किसी भी प्रकार से दूषित हुआ होगा। रिसर्च शुरू करने से पहले वैज्ञानिकों ने सैंपल को अच्‍छे से परखा। वह 5 साल से सुरक्षित था। वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि उन्‍हें सैंपल में जो नमक मिला है, वह इटोकावा का है।
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. 20 हजार वाले Samsung Galaxy A35 5G, Vivo T4 5G और Moto G96 5G जैसे स्मार्टफोन्स पर जबरदस्त डील
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo ने लॉन्च किया G3 5G, MediaTek Dimensity 6300 चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  2. Infinix Hot 60i 5G भारत में हुआ लॉन्च, 6,000 mAh की बैटरी
  3. 20 हजार वाले Samsung Galaxy A35 5G, Vivo T4 5G और Moto G96 5G जैसे स्मार्टफोन्स पर जबरदस्त डील
  4. Ola Electric ने लॉन्च किया S1 Pro Sport, जानें प्राइस, रेंज
  5. Oppo K13 Turbo Pro की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  6. Google Search में AI मोड भारत में हुआ शुरू, जानें कैसे करें उपयोग
  7. Flipkart Freedom Sale: 7 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Google का पिक्सल फोन
  8. Lava Blaze AMOLED 2 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 15 हजार में कौन है बेस्ट
  9. घर के बाहर कूड़े का ढेर लगा है या गंदे हैं सार्वजिक शौचालय तो इस सरकारी ऐप पर करें रिपोर्ट, जल्द मिलेगा समाधान
  10. प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर देगी BSNL, सरकार से मिलेंगे 47,000 करोड़ रुपये
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.