वैज्ञानिकों को मिला माया सभ्‍यता का सबसे बड़ा ‘सबूत’, जंगलों में छुपी थी जगह, लेजर लाइटों से ढूंढा

अनुमान है कि इस साइट पर माया सभ्‍यता 1000 ईसा पूर्व से 250 ईसा पूर्व तक मौजूद थी।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 12 जनवरी 2023 12:05 IST
ख़ास बातें
  • एरियल सर्वे के दौरान भूवैज्ञानिकों को मिली कामयाबी
  • 1,700 वर्ग किलोमीटर में मिली माया साइट
  • ग्‍वाटेमाला में खोजी गई साइट

भूवैज्ञानिकों को जो डेटा मिला, उससे इलाके में एक हजार से ज्‍यादा बस्तियों की पहचान हुई, जो 160 किलोमीटर एरिया में आपस में कनेक्‍टेड थे।

माया सभ्यता हमेशा से इतिहासकारों, भूवैज्ञानिकों और वैज्ञानिकों को रोमांचित करती आई है। यह मैक्सिको की सभ्‍यता थी, जिसकी शुरुआत 1500 ईसा पूर्व में हुई। मैक्सिको के अलावा ग्वाटेमाला, होंडुरास और अल-साल्‍वाडोर में भी इस सभ्‍यता का विकास हुआ। धीरे-धीरे यह सभ्‍यता खत्‍म हो गई। अब भूवैज्ञानिकों ने उत्तरी ग्वाटेमाला में एक विशाल माया साइट की खोज की है, जो लगभग 650 वर्ग मील (1,700 वर्ग किलोमीटर) तक फैली हुई है। अनुमान है कि इस साइट पर माया सभ्‍यता 1000 ईसा पूर्व से 250 ईसा पूर्व तक मौजूद थी। 

इस माया साइट की खोज भी दिलचस्‍प अंदाज में की गई। एरियल सर्वे के दौरान भूवैज्ञानिकों को इस साइट का पता चला, जब उन्‍होंने हवाई जहाज से लिडार (लाइट डिटेक्‍शन एंड रेंजिंग) को इस्‍तेमाल किया। इस प्रक्रिया में लेजर लाइट का इस्‍तेमाल किया जाता है और उससे रिफ्लेक्‍ट होने वाली रोशनी से एरियल तस्‍वीर तैयार की जाती है। यह तकनीक ग्‍वाटेमाला के घने जंगलों वाले इलाके में अच्‍छे रिजल्‍ट देती है। लेजर लाइटें घने जंगलों के बीच से होकर अपने ऑब्‍जेक्‍ट तक पहुंच जाती हैं। 

लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भूवैज्ञानिकों को जो डेटा मिला, उससे इलाके में एक हजार से ज्‍यादा बस्तियों की पहचान हुई, जो 160 किलोमीटर एरिया में आपस में कनेक्‍टेड थे। यह स्‍टडी मेसोअमेरिका जर्नल में पब्लिश हुई है। डेटा से पता चलता है कि सैकड़ों साल पहले ग्‍वाटेमाला की इस जगह में एक बस्‍ती हुआ करती थी, जो राजनीतिक और आर्थिक रूप से आपस में जुड़ी थी। इस इलाके में ऐसी जगह आज से पहले कभी नहीं खोजी गई। 

स्‍टडी में शामिल कार्लोस मोरालेस-एगुइलर ने लाइव साइंस को बताया कि अब हम माया क्षेत्र के पूरे परिदृश्य को ग्वाटेमाला के इस रीजन में देख सकते हैं। भूवैज्ञानिक यह भी समझना चाहते थे कि आखिर वह कौन सी चीज थी, जिसने माया सभ्‍यता को यहां बसने पर प्रोत्‍साहित किया। अपनी स्‍टडी में वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि इलाके में कृषि भूमि का संतुलन अच्‍छा था। मतलब, यहां की जमीन न तो ज्‍यादा दलदली थी, ना ही ज्‍यादा सूखी।  

रिसर्चर्स को उम्मीद है कि लिडार तकनीक से उन्हें ग्वाटेमाला के उन हिस्सों का पता लगाने में मदद मिलेगी जो सदियों से एक रहस्य बने हुए हैं। भूवैज्ञानिक ग्‍वाटेमाला में जिन जगहों पर खोज कर रहे हैं, वहां लिडार तकनीक काफी उपयोगी साबित हुई है। घने जंगल होने की वजह से यहां विजिबिल‍िटी काफी कम है। लिडार तकनीक से वैज्ञानिक एरिया को अच्‍छे से स्‍कैन कर पाते हैं। 
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Oppo K13 Turbo सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, एक्टिव कूलिंग का मिलेगा फीचर
  2. भारत में AirPods की मैन्युफैक्चरिंग में चीन की अड़चन, रेयर अर्थ मेटल का एक्सपोर्ट रोका
  3. Asus ने भारत में लॉन्च किया Vivobook 14, Snapdragon X प्रोसेसर, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. 50MP कैमरा वाले OnePlus स्मार्टफोन की गिरी कीमत, यहां खरीदने पर मिलेगा इतना डिस्काउंट
#ताज़ा ख़बरें
  1. Oppo K13 Turbo सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, एक्टिव कूलिंग का मिलेगा फीचर
  2. भारत में AirPods की मैन्युफैक्चरिंग में चीन की अड़चन, रेयर अर्थ मेटल का एक्सपोर्ट रोका
  3. WhatsApp का ये ऐप हो रहा बंद, Meta ला रही नया प्लेटफॉर्म, जानें क्या है प्लान
  4. भारत में स्मार्टफोन्स की सेल्स में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी, Vivo को मिला पहला रैंक
  5. Excitel का मॉनसून ऑफर, 200 Mbps प्लान Rs 600 रुपये से कम कीमत में! जानें पूरी डील
  6. Dreame F02: एक चार्ज में 90 दिन तक चलेगा यह इलेक्ट्रिक ब्रश, सफाई के लिए 3 मोड्स भी! जानें कीमत
  7. क्या ChatGPT बन जाएगा नया Google?, यूजर्स भेज रहे रोजाना 2.5 बिलियन प्रॉम्ट
  8. OnePlus Nord 5 vs Poco F7 vs Motorola Edge 60 Pro: 40 हजार में कौन सा फोन रहेगा बेहतर?
  9. 50MP कैमरा वाले OnePlus स्मार्टफोन की गिरी कीमत, यहां खरीदने पर मिलेगा इतना डिस्काउंट
  10. Amazon में बड़ा ले ऑफ, 10% कर्मचारियों की नौकरियां AI ने छीनी, इन पर मंडराया खतरा
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.