वैज्ञानिकों ने भारत में ढूंढी वह जगह, जो मंगल ग्रह-चांद से मिलती-जुलती! जानें

Indias Mars Moon Station : इसका मतलब है कि आने वाले वक्‍त में लद्दाख को ना सिर्फ उसकी खूबसूरती के लिए पहचाना जाएगा, बल्कि स्‍पेस के क्षेत्र का भी वह महत्‍वपूर्ण केंद्र बनेगा।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 1 अगस्त 2024 13:45 IST
ख़ास बातें
  • लद्दाख आया वैज्ञानिकों की नजर में
  • चांद और मंगल मिशनों के लिए माना आदर्श साइट
  • यहां स्‍थापित हो सकता है रिसर्च स्‍टेशन

एनालॉग रिसर्च स्टेशन एक ऐसी फैसि‍लिटी है, जहां चांद और मंगल ग्रह से जुड़े जरूरी कामों को किया जा सकता है।

चंद्रमा और मंगल दो ऐसे खगोलीय पिंड हैं, जिन पर वैज्ञानिक वर्षों से रिसर्च कर रहे हैं। भारत ने भी वहां अपने मिशन भेजे हैं। चंद्रयान-3 की सफलता तो पूरी दुनिया ने देखी थी। इन पिंडों को टटोलने के लिए दुनियाभर में धरती पर स्‍पेस सेंटर बनाए गए हैं। भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (BSIP) के वैज्ञानिकों ने एक एनालॉग रिसर्च स्‍टेशन के लिए लद्दाख को आइडियल साइट माना है। इसका मतलब है कि आने वाले वक्‍त में लद्दाख को ना सिर्फ उसकी खूबसूरती के लिए पहचाना जाएगा, बल्कि स्‍पेस के क्षेत्र का भी वह महत्‍वपूर्ण केंद्र बनेगा। 

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एनालॉग रिसर्च स्टेशन एक ऐसी फैसि‍लिटी है, जहां चांद और मंगल ग्रह से जुड़े जरूरी कामों को किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, चांद और मंगल ग्रह पर एस्‍ट्रोनॉट्स के लिए कैसे घर बनाए जाएं, यह टेस्टिंग लद्दाख में हो सकती है। इसकी वजह लद्दाख की जियोलॉजिकल कंडीशन है, जोकि हार्ड है। रिपोर्ट के अनुसार, लद्दाख में रिसर्च के दौरान वैज्ञानिक यह भी परख पाएंगे कि कठिन मौसम में सूक्ष्‍मजीव कैसी प्रतिक्रि‍या देते हैं। 

लद्दाख की पहचान करने वाले वैज्ञानिकों में बीएसआईपी की बिनीता फर्त्‍याल और आईआईएससी के आलोक कुमार व शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। इन सभी ने मिलकर यह रिसर्च की है। रिसर्च इसलिए भी अहम है क्‍योंकि भारत, मंगल ग्रह और चंद्रमा को लेकर नए मिशनों की तैयारी कर रहा है। साल 2040 तक वह चांद पर अपने एस्‍ट्रोनॉट उतारना चाहता है। 

भारतीय रिसर्चर्स का मानना है कि लद्दाख की अनोखी भौगोलिक खूबियां मंगल और चंद्रमा के हालात से काफी मिलती-जुलती हैं। यह इलाका काफी ठंडा है। सूखे रेगिस्तान की तरह है। यहां चट्टानें हैं और कहीं-कहीं जमीन की बनावट भी उसी तरह है। 

एनालॉग रिसर्च स्‍टेशन कब तक तैयार होगा, इसकी जानकारी अभी नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की फैसिल‍िटी को बनाकर भारत अपने स्‍पेस मिशनों, मून मिशनों को रफ्तार दे सकता है।
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! FIR से लेकर सबूत तक होगा ऑनलाइन
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  2. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  3. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  4. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  5. अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! FIR से लेकर सबूत तक होगा ऑनलाइन
  6. Honor की Magic 8 सीरीज के लॉन्च की तैयारी, 4 मॉडल हो सकते हैं शामिल
  7. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ कोर्ट जा सकती हैं बड़ी गेमिंग कंपनियां
  8. Samsung के Galaxy S26 Pro और Galaxy S26 Edge में मिल सकता है Exynos 2600 चिपसेट
  9. itel ZENO 20 भारत में लॉन्च: 5000mAh बैटरी, 128GB तक स्टोरेज और बड़ा डिस्प्ले, कीमत Rs 5,999 से शुरू
  10. Vivo T4 Pro जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल Sony प्राइमरी कैमरा
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.