भारत का तीसरा मून मिशन
चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) कल दोपहर को लॉन्च होगा। दुनियाभर की स्पेस एजेंसियों और रिसर्चर्स की नजर चंद्रमा पर है। हर कोई अपने-अपने तरीके से चांद पर शोध कर रहा है। नॉर्वे और फ्रांस के रिसर्चर्स के एक ग्रुप ने खुलासा किया है कि चंद्रमा की सतह के हिस्से अब तक लगाए गए अनुमान से भी 20 करोड़ साल पुराने हैं। द प्लैनेटरी साइंस जर्नल में पब्लिश हुए पेपर में रिसर्चर्स ने कहा है कि उनके इस अनुमान से चंद्रमा की उम्र नहीं बदली है सिर्फ उसकी सतह कितनी पुरानी है, यह आकलन किया गया है।
रिसर्च के अनुसार, डेटिंग के नए सिस्टम से चंद्रमा की सतह के सभी इलाकों की उम्र बदल गई है। चंद्रमा की पुरानी सतह की उम्र के अनुमान में ज्यादा फर्क आया है। उदाहरण के लिए इम्ब्रियम बेसिन की उम्र जो पहले 3.9 अरब वर्ष आंकी जाती थी, अब 4.1 अरब साल पहले अनुमानित की गई है।
रिसर्चर्स का कहना है कि चंद्रमा की सतह की उम्र का यह अंतर महत्वपूर्ण है। इससे यह भी साबित होता है कि चंद्रमा पर अंतरिक्ष चट्टानों की बमबारी भी काफी पहले हुई होगी। इससे यह भी साबित होता है कि पृथ्वी पर भी एस्टरॉयड या धूमकेतुओं के हमले हमारी सोच से पहले हुए होंगे।
भारत का मून मिशन कल होगा लॉन्च
भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 कल 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे लॉन्च किया जाएगा। चंद्रमा पर अपने लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग' कराने में भारत सफल हो जाता है, तो हम दुनिया की चौथी ताकत बन जाएंगे, जो अबतक ऐसा कर पाई है।
चंद्रयान-3 को एलवीएम-एम4 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया जाएगा। मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के लिए इसरो आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में जोर-शोर से तैयारियां कर रहा है। सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ तो चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' अगस्त के आखिर में निर्धारित है।