• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • मंगल ग्रह पर मिलते मिलते रह गई जिंदगी, 50 साल पहले Nasa से हुई थी बड़ी गलती! जानें

मंगल ग्रह पर मिलते-मिलते रह गई जिंदगी, 50 साल पहले Nasa से हुई थी बड़ी गलती! जानें

Nasa Mars : एक खगोलशास्‍त्री का दावा है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने गलती से जीवन के पहले सबूत को नष्‍ट कर दिया।

मंगल ग्रह पर मिलते-मिलते रह गई जिंदगी, 50 साल पहले Nasa से हुई थी बड़ी गलती! जानें

मंगल ग्रह पर जीवन का पता लगाने के लिए वाइकिंग लैंडरों को भेजा गया था। उन्‍होंने मंगल ग्रह की मिट्टी का विश्‍लेषण किया था।

ख़ास बातें
  • दावा है कि मंगल ग्रह पर जीवन का बड़ा सूबत गलती से हुआ नष्‍ट
  • खगोलशास्‍त्री डर्क शुल्ज-मकुच ने किया है दावा
  • अमेरिकी अंंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) से हुई बड़ी गलती
विज्ञापन
दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियां मंगल ग्रह (Mars) पर जीवन के सबूत तलाश रही हैं। इस दिशा में अबतक कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिल पाई है। हालांकि एक खगोलशास्‍त्री का दावा है कि मंगल ग्रह पर जीवन की खोज 50 साल पहले ही हो गई थी। टेक्निकल यूनिवर्सिटी बर्लिन से जुड़े खगोलशास्‍त्री डर्क शुल्ज-मकुच का कहना है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने गलती से जीवन के पहले सबूत को नष्‍ट कर दिया। यह तब की बात है जब नासा ने वाइकिंग लैंडरों (Viking lander) को मंगल ग्रह पर भेजा था।     

गौरतलब है कि मंगल ग्रह पर जीवन का पता लगाने के लिए वाइकिंग लैंडरों को भेजा गया था। उन्‍होंने मंगल ग्रह की मिट्टी का विश्‍लेषण किया था। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, डर्क शुल्ज-मकुच का कहना है कि शुरुआत में तो रिजल्‍ट पॉजिट‍िव आए, लेकिन मिट्टी की जांच में कार्बनिक पदार्थ का कोई सबूत नहीं मिला। शुल्ज-मकुच का मानना है कि मंगल ग्रह की मिट्टी में पोषक तत्वों के घोल वाला पानी बहुत ज्‍यादा रहा होगा, जिसकी वजह से उसमें मौजूद जीवन का कोई भी सबूत कुछ देर में नष्‍ट हो गया होगा। 

नासा के वाइकिंग मिशन के तहत दो लैंडरों ने मंगल ग्रह पर लैंडर किया था। 20 जुलाई 1976 को वाइकिंग 1 और 3 सितंबर 1976 को वाइकिंग 2 लैंडर मंगल की सतह पर उतरे थे। उनमें कई इंस्‍ट्रूमेंट्स फ‍िट किए गए थे। दोनों लैंडरों का मकसद लाल ग्रह पर जीवन के संभावित सबूतों की खोज करना था। 

प्रयोग के तहत मंगल ग्रह की मिट्टी में पानी इसलिए मिलाया गया, ताकि श्‍वसन (respiration) और मेटाबॉलिज्‍म के संकेत दिखाई दें। इसके पीछे की थ्‍योरी थी कि अगर मंगल ग्रह पर जीवन हुआ, तो मिट्टी में मौजूद सूक्ष्‍मजीव, पोषक तत्‍व लेंगे और रेडियोएक्टिव कार्बन को गैस के रूप में बाहर छोड़ेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। इसकी वजह हो सकती है कि मंगल ग्रह पर संभावित जीवन की सेल्‍स में हाइड्रोजन पेरोक्साइड हो सकता है।

वाइकिंग मिशन के तहत गए दोनों लैंडर साल 1980 से 82 के बीच खत्‍म हो गए थे। हालांकि वो अब भी ग्रह पर मौजूद हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 7 हजार रुपये सस्ती कीमत में खरीदें 33 हजार वाला OnePlus Nord 4 5G, ये है डील
  2. BOULT Trail Pro स्मार्टवॉन्च भारत में लॉन्च हुई 2.01 इंच बड़े 3D डिस्प्ले, IP68 रेटिंग के साथ, जानें कीमत
  3. Nothing Phone (3a) 12GB रैम, 5000mAh बैटरी के साथ 4 मार्च को होगा लॉन्च!
  4. स्पेस में ISRO की सेंचुरी! 100वें मिशन का सफल लॉन्च, अंतरिक्ष में भेजा GSLV-F15 रॉकेट
  5. Activa इलेक्ट्रिक लॉन्च करने के बाद होंडा लगाएगी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की फैक्टरी
  6. Asus Zenfone 12 Ultra स्लिम बेजल्स वाले डिस्प्ले, 16GB रैम के साथ 6 फरवरी को होगा लॉन्च, कंपनी ने किया टीज
  7. ट्रंप ने ChatGPT को टक्कर देने वाले चीन के DeepSeek को लेकर दी चेतावनी
  8. Apple के सबसे प्रीमियम टैबलेट से भी पतला होगा Oppo का अपकमिंग फोल्डेबल फोन! सोशल मीडिया में शेयर की गई फोटो
  9. Blaupunkt ने भारत में लॉन्च किया Dolby Atmos, DTS, IMAX सपोर्ट वाला होम थिएटर सिस्टम, जानें कीमत
  10. Huawei का Band 10 स्मार्ट बैंड AMOLED डिस्प्ले, ऑक्सीजन मॉनिटर के साथ जल्द होगा लॉन्च! मिला सर्टिफिकेशन
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »