सूर्य की ओर से लगातार कोई न कोई एक्टिविटी रिपोर्ट की जा रही है। शनिवार, 27 अगस्त से सोमवार, 29 अगस्त के बीच भी सूर्य से कई सोलर फ्लेयर आई, जिसका असर पृथ्वी पर देखने को मिला। सोलर फ्लेयर के चलते धरती पर कई जगह आसमान में ऑरोरा देखने को मिले, जो कई रंगों की एक चादर होती है। इसके अलावा, रेडियो ब्लैकआउट की शिकायत भी देखने को मिली।
इन घटनाओं को दुनिया भर से स्पेस वेदर पर नजर रखने वाली एजेंसियों और वैज्ञानिकों ने नोटिस किया। सूर्य की ओर से आई इन पावरफुल सोलर फ्लेयर्स में से एक को M9 क्लास के फ्लेयर के रूप में मापा गया, जो 29 अगस्त को सुबह 7:07 बजे (EDT) पर रजिस्टर किया गया था। NASA के
अनुसार, ये ऐसे सौर फ्लेयर्स होते हैं, जो पृथ्वी को सीधे तौर पर तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन कई बार रेडियो ब्लैकआउट की वजह बनते हैं। इन फ्लेयर्स के साथ चलने वाले छोटे रेडिएशन तूफानों की वजह से अंतरिक्ष यात्रियों के खतरे में आने तक की संभावना बन जाती है।
सोलर फ्लेयर्स की वजह सूर्य का 11 साल का चक्र बताया गया है। इसने सूर्य को बहुत ज्यादा उत्तेजित कर दिया, जिससे वहां इन हलचलों का सिलसिला बना, जो आगे भी जारी रहेगा और 2025 तक इसमें बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
Space.com के
अनुसार, शनिवार को सूर्य में मौजूद सनस्पॉट AR3088 से सोलर फ्लेयर निकला। इसकी वजह से 28 अगस्त से 29 अगस्त के बीच G1-क्लास के भू-चुंबकीय तूफानों के भड़कने की चेतावनी दी गई थी। इसी बीच 28 अगस्त को उसी सनस्पॉट से एक और सौर फ्लेयर बाहर निकला। यह भी एक M क्लास सौर फ्लेयर था, जिसके कारण नॉर्थ अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों में रेडियो ब्लैकआउट हो गया।
इसके बाद NOAA के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने सोमवार यानी 29 अगस्त के लिए एक भू-चुंबकीय तूफान की चेतावनी जारी की। ऐसे तूफानों से उपग्रह के संचालन, बिजली ग्रिड और जानवरों के प्रवास के पैटर्न पर मामूली असर पड़ सकता है। इन सोलर एक्टिविटी के चलते लोगों को आसमान में शानदार ऑरोरा देखने को मिले।
Calgary Observer नाम के एक ट्विटर हैंडल ने ऑरोरा की एक शानदार तस्वीर को भी शेयर किया है, जिसे आप ऊपर देख सकते हैं। सोशल मीडिया में इस तरह की कई तस्वीरें शेयर की गई, जो स्कॉटलैंड, अल्बर्टा और मोंटाना से ली गई थी।