मंगल ग्रह से आई आखिरी तस्‍वीर! Nasa का इनसाइट लैंडर जल्‍द हो जाएगा ‘खत्‍म’, यह है वजह

धूल ने इस लैंडर को सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया है। यह उसके पावर सोर्स को ढक रही है। लैंडर में लगे सोलर पैनल धूल के कारण ढक गए हैं, जिससे पावर जनरेट नहीं हो पा रही।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 14 नवंबर 2022 16:27 IST
ख़ास बातें
  • धूल ने इस लैंडर को सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया है
  • यह उसके पावर सोर्स को ढक रही है
  • इस वजह से लैंडर को पर्याप्‍त बिजली नहीं मिल पा रही

नासा पहले ही बता चुकी है कि सौर ऊर्जा से चलने वाला इनसाइट लैंडर अब बहुत कम बिजली बना पा रहा है।

करीब 4 साल से मंगल (Mars) ग्रह को टटोल रहे Nasa के इनसाइट (Insight) लैंडर को अलविदा कहने का समय आ गया है। ऐसा लगता है कि इनसाइट ने अपनी आखिरी इमेज को पृथ्‍वी पर भेज दिया है और अब यह रोवर ‘खत्‍म' हो जाएगा। यह तस्‍वीर भी उन सैकड़ों इमेजेस की तरह है, जिन्‍हें हाल के कुछ वर्षों में देखा गया है। इसमें उस भूकंपमापी (seismometer) को भी देखा जा सकता है, जो काफी वक्‍त से मंगल ग्रह पर आने वाले भूकंपों के बारे में जानकारी जुटा रहा है। हालांकि सबकुछ धूल के आगोश में सिमटा नजर आता है।  

नासा के अनुसार, धूल ने इस लैंडर को सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया है। यह उसके पावर सोर्स को ढक रही है। लैंडर में लगे सोलर पैनल धूल के कारण ढक गए हैं, जिससे पावर जनरेट नहीं हो पा रही। नासा पहले ही बता चुकी है कि सौर ऊर्जा से चलने वाला इनसाइट लैंडर अब बहुत कम बिजली बना पा रहा है। शुरू में लैंडर एक घंटे 40 मिनट के लिए इलेक्ट्रिक ओवन को बिजली देता था। अब यह वक्‍त घटकर 10 मिनट रह गया है। 
 

इनसाइट लैंडर में यह धूल नहीं होती, अगर इस प्रोजेक्‍ट की शुरुआत में इंजीनियरों ने इसमें एक बदलाव को जगह दी होती। लैंडर में वाइपर लगाए जा सकते थे, जैसे हम आमतौर पर गाड़‍ियों में देखते हैं, लेकिन इंजीनियर्स ने ऐसा ना करने का फैसला किया। इस वजह से लैंडर उस पर जमी धूल को नहीं हटा पा रहा है। 

हालांकि यह फैसला सोच समझकर लिया गया था। धूल हटाने वाले सिस्‍टमों को इनसाइट पर लगाने से उसका वजन बढ़ जाता और प्रोजेक्‍ट की कॉस्‍ट भी ज्‍यादा हो जाती। इंजीनियरों ने यह फैसला इसलिए भी लिया क्‍योंकि इनसाइट लैंडर एक छोटे वक्‍त का मिशन था, हालांकि इसने मंगल ग्रह पर करीब 4 साल काम किया है। 
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यह मिशन भले ही अपने आखिरी पड़ाव पर है, लेकिन इसने धरती पर कई महत्‍वपूर्ण डेटा भेजे हैं। साल 2018 में मंगल ग्रह पर उतरने के बाद से इनसाइट लैंडर ने वहां 1,300 से अधिक भूकंपों को रिकॉर्ड किया है। इसने मंगल ग्रह पर आए अब तक के सबसे बड़े भूकंप को रिकॉर्ड किया था, जिसकी तीव्रता 5 मापी गई थी। 
 

 

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