भारत के
चंद्रमयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन ने पिछले साल सफलता के झंडे गाड़े थे। विक्रम लैंडर (Vikram) और प्रज्ञान रोवर (Pragyaan) ने चांद की सतह पर उतरकर इतिहास रचा। मिशन पूरा होने के बाद विक्रम और प्रज्ञान चांद पर ही रह गए। ये धरती पर कभी नहीं लौट पाएंगे। हालांकि भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) की नजर विक्रम-प्रज्ञान पर बनी हुई है। इसरो ने चांद की सतह पर आराम कर रहे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की हाई-रेजॉलूशन इमेजेस खींची हैं। इन तस्वीरों ने भारतीयों को गदगद किया है।
बताया जाता है कि इन तस्वीरों को इस साल 15 मार्च को कैप्चर किया गया था। एक इंडिपेंडेट रिसर्चर चंद्र तुंगथुरथी (Chandra Tungathurthi) ने फोटोज को प्रोसेस किया। तस्वीर में पूरे इलाके को काफी विस्तार से देखा जा सकता है।
तस्वीरों को 65 किलोमीटर की ऊंचाई से कैप्चर किया गया। हाई रेजॉलूशन होने की वजह से इनमें प्रज्ञान रोवर को ज्यादा क्लीयरिटी के साथ देखा जा सकता है। गौरतलब है कि प्रज्ञान रोवर दुनिया का पहला रोवर है, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चहलकदमी की थी। इस मिशन ने 23 अगस्त 2023 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। सोवियत यूनियन, अमेरिका और चीन के बाद भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बना जबकि मून साउथ पोल पर उतरने वाला वह दुनिया का पहला मुल्क बना।
विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा पर करीब 14 पृथ्वी दिनों के बराबर वक्त बिताया। चांद के उस हिस्से में रात होने के बाद दोनों को स्लीप मोड में भेजा गया। फिर जब चांद पर दोबारा सूर्य की रोशनी आई तो विक्रम और प्रज्ञान स्लीप मोड से बाहर नहीं आए।
भारतीय मिशन के बाद जापान ने भी चांद पर अपना लैंडर उतारा। इस साल अमेरिका की एक कंपनी चांद पर मिशन लैंड कराने वाली पहली प्राइवेट कंपनी बन गई। Nasa ने भविष्य में चांद पर फिर से इंसानों को भेजने की योजना बनाई है, जिसके लिए वह आर्टिमिस मिशन (Artemis) को तैयार कर रहा है।
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