भारत ने अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। DRDO ने शनिवार को ओडिशा तट पर स्थित अब्दुल कलाम आईलैंड से इस मिसाइल का सफल टेस्ट किया। यह मिसाइल लंबी दूरी तक हमला कर सकती है। परीक्षण देश के रक्षा ढांचे को और अधिक मजबूती देगा। हाइपरसोनिक मिसाइल को हैदराबाद के डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कंपलेक्स लैबोरेट्री और DRDO से जुड़े अन्य साझेदारों के साथ मिलकर डेवलप किया गया है।
हाइपरसोनिक मिसाइल के फीचर्स की बात करें तो यह 1.5 हजार किलोमीटर दूर मौजूद दुश्मन का भी नामो निशान मिटा सकती है। इसे अलग-अलग पेलोड कैरी करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे इस तरह से बनाया गया है कि सभी सशस्त्र बल मिसाइल का उपयोग कर सकेंगे। टेस्ट के दौरान मिसाइल को अलग-अलग रेंज सिस्टम से ट्रैक किया गया। रिजल्ट में इसके जोरदार हमले और अचूक निशाने की पुष्टि हुई।
DRDO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मिसाइल के टेस्ट का वीडियो भी शेयर किया है।
भारत की हाइपरसोनिक मिसाइल की स्पीड साउंड की स्पीड से 5 गुना तेजी से उड़ सकती है। इसकी कम से कम रफ्तार भी 6174 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है। खास बात यह है कि यह मिसाइल क्रूज और बैलिस्टिक फीचर्स से लैस है। इन्हें रोक पाना दुश्मन के लिए लगभग असंभव होता है। अत्यधिक स्पीड के कारण ये रडार को भी चकमा दे सकती हैं।
हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल टेस्ट के बाद भारत उन दोनों में शामिल हो गया है जिनके पास इस तरह की मारक क्षमता मौजूद है। दुनियाभर में केवल पांच ऐसे देश हैं जिनके पास हाइपरसोनिक मिसाइल की ताकत है। इनमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और भारत शामिल हैं। परीक्षण के सफल होने के चलते भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने पूरी टीम को बधाई दी। मिसाइल को हैदराबाद के डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कंपलेक्स लैबोरेट्री और DRDO से जुड़े अन्य साझेदारों के साथ मिलकर डेवलप किया गया है।
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