क्‍या एक-दूसरे से टकराने वाली हैं ये आकाशगंगाएं या कोई और बात है? जानें हबल टेलीस्‍कोप की तस्‍वीर का सच

SDSS J115331 और LEDA 2073461 नाम की ये आकाशगंगाएं पृथ्वी से एक अरब प्रकाश-वर्ष से अधिक दूर स्थित हैं।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 15 सितंबर 2022 13:09 IST
ख़ास बातें
  • हबल टेलीस्‍कोप ने खींची है यह तस्‍वीर
  • पृथ्‍वी से एक अरब प्रकाश वर्ष दूर हैं ये आकाशगंगाएं
  • दोनों एक-दूसरे से टकराती हुई दिख रही हैं

यह सिर्फ एक ऑप्टिकल भ्रम है। सच्‍चाई यह है कि दोनों आकाशगंगाएं एक-दूसरे के आसपास भी नहीं हैं।

अंतरिक्ष में तैनात दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन, जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप ने अपना काम शुरू कर दिया है, इसके बाद भी Nasa के हबल टेलीस्‍कोप (Hubble Space Telescope) की उपयोगिता बनी हुई है। हाल में इस दूरबीन ने दो सर्पिल (spiral) आकाशगंगाओं यानी गैलेक्‍सी को तस्‍वीरों में कैद दिया। पहली नजर में देखने से लगता है कि दोनों आकाशगंगाएं एक-दूसरे में विलीन हो रही हैं, लेकिन असल कहानी कुछ और ही है। SDSS J115331 और LEDA 2073461 नाम की ये आकाशगंगाएं पृथ्वी से एक अरब प्रकाश-वर्ष से अधिक दूर स्थित हैं। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस टेलीस्‍कोप के प्रोजेक्‍ट में नासा की पार्टनर रही यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने एक बयान में कहा है कि हबल टेलीस्कोप की नई इमेज से पता चलता है कि दो गैलेक्टिक बॉडीज विलीन हो रही हैं, लेकिन यह सिर्फ एक ऑप्टिकल भ्रम है। सच्‍चाई यह है कि दोनों आकाशगंगाएं एक-दूसरे के आसपास भी नहीं हैं।  

ESA के अधिकारियों के मुताबिक, इमेज में एक-दूसरे से टकराती हुई दिख रही ये आकाशगंगाएं हकीकत में ऐसी पोजिशन में नहीं हैं। यह सिर्फ संयोग है कि दोनों तस्‍वीर में इस तरह से नजर आ रही हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इस इमेज को 5 सितंबर को शेयर किया था। यह तस्‍वीर अंतरिक्ष एजेंसी के ‘गैलेक्सी ज़ू प्रोजेक्ट' के ऑब्‍जर्वेशंस का इस्‍तेमाल करके तैयार की गई थी। 
 

आकाशगंगाओं की खोज में हबल टेलीस्‍कोप और जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप दोनों ही अपनी काबिलियत दिखा रहे हैं। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, हबल टेलीस्कोप इस्‍तेमाल करने वाले खगोलविदों को लगता है कि उन्‍होंने आज तक की सबसे दूर स्थित आकाशगंगा को देखा है। करीब 35 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित यह आकाशगंगा फ‍िलहाल एक लाल धब्‍बे जैसी नजर आती है। हालांकि इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है। रिसर्च अभी अपने शुरुआत में है। इसके प्रकाश के स्‍पेक्‍ट्रा की स्‍टडी करके आकाशगंगा की मौजूदगी को कन्‍फर्म किया जाएगा। खास बात यह है कि इसने जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप के एक हफ्ते पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है, जब एक अन्‍य टीम ने GLASS-z13 नाम की आकाशगंगा को स्‍पॉट किया था।  
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रिसर्चर्स ने अपने निष्‍कर्षों को 26 जुलाई को प्रीप्रिंट डेटाबेस arXiv पर पोस्ट किए गए एक पेपर में दर्शाया है। उन्‍होंने पाया है कि नई खोजी गई आकाशगंगा में 16.7 की रिकॉर्ड-ब्रेकिंग रेडशिफ्ट है। इसका मतलब है कि इसकी रोशनी लगभग 18 गुना ज्‍यादा लाल हो गई है। इन फाइंडिग्‍स को अभी तक रिव्‍यू नहीं किया गया है। 
 

 

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प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

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