आधुनिक विज्ञान ने बड़े बड़े टेलीस्कोप बनाकर मनुष्य की आंखों का दायरा हमारे सौरमंडल के बाहर तक पहुंचा दिया है। सौरमंडल Milky Way गैलेक्सी में मौजूद है। Milky Way आकाशगंगा के भी 4 गोलाकार भाग बताए जाते हैं जिसमें से सबसे बाहरी सर्कल में हमारा सौरमंडल लगातार आकाशगंगा के चक्कर लगा रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारा सौरमंडल 8.28 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आकाशगंगा के केंद्र के चारों ओर चक्कर लगा रहा है।
नासा कहती है कि हमारे
सौरमंडल की सीमा इसके 8 ग्रहों से आगे तक मौजूद है। यह कूइपर बेल्ट तक फैला है। कूइपर बेल्ट नेप्च्यून की कक्षा के भी बाहर मौजूद है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सौरमंडल का आकार कितना बड़ा हो सकता है। इसमें 8 प्लेनेट हैं और 5 ड्वार्फ प्लेनेट यानि कि छोटे ग्रह, या बौने ग्रह हैं। इनको पूर्ण ग्रह नहीं माना गया है। ग्रहों के भी अपने उपग्रह हैं जिनकी संख्या 200 से ज्यादा बताई जाती है। ये सभी सूर्य के चारों ओर इसके गुरुत्वाकर्षण से बंधे घूम रहे हैं। और इन सभी महाकाय खगोलीय वस्तुओँ को सूरज अपने साथ लिए आकाशगंगा के चक्कर लगा रहा है। लेकिन यहां एस्टरॉयड का जिक्र करना भी जरूरी है जो ग्रहों की तरह ही
सूर्य के चारों ओर घूम रहे हैं।
इन दिनों
एस्टरॉयड एक के बाद एक धरती के करीब से होकर गुजर रहे हैं। आने वाले दो दिनों में एक या दो नहीं, बल्कि 4 एस्टरॉयड धरती के करीब पहुंचने वाले हैं। नासा की
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी ने इनको लेकर अलर्ट जारी किया है।
Asteroid 2023 LN1 कल धरती के करीब पहुंच रहा है। इस एस्टरॉयड का साइज 190 फीट यानि कि लगभग 200 फीट है। यह हवाई जहाज के जितना बड़ा है। यह पृथ्वी के करीब 6,860,000 किलोमीटर के दायरे में आने वाला है।
एस्टरॉयड 2018 NW (
Asteroid 2018 NW), भी कल धरती के करीब पहुंच रहा है। यह 31 फीट का चट्टानी टुकड़ा है। यह 78542 किलोमीटर की स्पीड से धरती की ओर आ रहा है। ये एस्टरॉयड 6,910,000 किलोमीटर तक धरती के करीब आने वाला है। इनके पीछे 2 और एस्टरॉयड चले आ रहे हैं। एस्टरॉयड 2023 MD2 (
Asteroid 2023 MD2) 11 जुलाई को पृथ्वी के पास आने वाला है। इसका साइज 150 फीट है। इसके साथ ही एस्टरॉयड 2023 MQ1 (
Asteroid 2023 MQ1) भी चला आ रहा है जो कि 150 फीट का हवाई जहाज जितना बड़ा एस्टरॉयड है।
ये 4 एस्टरॉयड अगले दो दिनों के भीतर धरती के करीब से होकर गुजरने वाले हैं। नासा कहती है कि 75 लाख किलोमीटर से करीब आने पर एस्टरॉयड पृथ्वी के लिए खतरा पैदा कर सकता है। ऐेसे में नासा इन चारों एस्टरॉयड को ट्रैक कर रही है। क्योंकि ये सभी एस्टरॉयड इस सुरक्षित दायरे से कहीं ज्यादा करीब आने वाले हैं।