• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 200 किलो का स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में करेगा सुसाइड! वैज्ञानिकों का ‘अजीबोगरीब’ मिशन, क्‍या है मकसद? जानें

200 किलो का स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में करेगा सुसाइड! वैज्ञानिकों का ‘अजीबोगरीब’ मिशन, क्‍या है मकसद? जानें

ESA Draco Mission : यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट को सिर्फ बर्बाद करने के लिए लॉन्‍च करना चाहती है।

200 किलो का स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में करेगा सुसाइड! वैज्ञानिकों का ‘अजीबोगरीब’ मिशन, क्‍या है मकसद? जानें

Photo Credit: ESA

DRACO स्‍पेसक्राफ्ट का लक्ष्‍य पृथ्‍वी पर री-एंट्री करने के दौरान डेटा जुटाना है।

ख़ास बातें
  • यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी का नया मिशन
  • एक सैटेलाइट को बर्बाद होने के लिए भेजा जाएगा अंतरिक्ष में
  • वैज्ञानिक देखना चाहते हैं कि री-एंट्री में सैटेलाइट कैसे टूटता है
विज्ञापन
यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट को सिर्फ बर्बाद करने के लिए लॉन्‍च करना चाहती है। वह सैटेलाइट उड़ान भरेगा, अपनी मंजिल तक पहुंचेगा और फ‍िर एक खास मकसद के लिए खत्‍म हो जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, ESA देखना चाहती है कि कोई सैटेलाइट पृथ्‍वी पर री-एंट्री के दौरान किस तरह से टूटता है। इस मिशन के लिए ESA ने यूरोप की एक कंपनी को कॉन्‍ट्रैक्‍ट दिया है। फ‍िलहाल मिशन का नाम डिस्‍ट्रक्टिव रीएंट्री असेसमेंट कंटेनर ऑब्‍जेक्‍ट (DRACO) रखा गया है। DRACO स्‍पेसक्राफ्ट का सिर्फ एक लक्ष्‍य होगा कि जब वह पृथ्‍वी पर री-एंट्री करके बर्बाद होगा, तो उससे जुड़ा डेटा जुटाएगा। 

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, इस मिशन को साल 2027 में लॉन्‍च किए जाने की योजना है। रिपोर्ट के अनुसार, मिशन के जरिए ESA समझना चाहती है कि कोई सैटेलाइट कैसे टूटता है। अगर इसका पता चल पाता है तो भविष्‍य में सैटेलाइट्स को इस तरह से डिजाइन किया जा सकेगा कि धरती पर गलत तरह से री-एंट्री करने के बावजूद वह टूटेंगे नहीं। 

ESA का मिशन यह जानने में भी मदद करेगा कि किसी स्‍पेसक्राफ्ट की धरती पर री-एंट्री से पर्यावरण को क्‍या असर होता है। स्‍पेसक्राफ्ट और उसके हिस्‍से हमारे वायुमंडल के साथ कैसे रिएक्‍ट करते हैं। उनकी वजह से कोई बायप्रोडक्‍ट तो नहीं बनता। 
 

What is DRACO Spacecraft 

DRACO स्‍पेसक्राफ्ट का साइज किसी वॉशिंग मशीन जितना होगा। वजन में 200 किलो के स्‍पेसक्राफ्ट को नॉर्मल स्‍पेसक्राफ्ट की तरह ही टूटने के लिए डिजाइन किया जाएगा। हालांकि इसमें 40 सेंटीमीटर का एक कैप्‍सूल लगाया जाएगा, जो सेफ रहेगा और सारा डेटा रिकॉर्ड करेगा। सैटेलाइट के टूटने के बाद कैप्सूल को पैराशूट की मदद से नीचे लाया जाएगा। इस दौरान DRACO स्‍पेसक्राफ्ट में लगे 4 कैमरे रिकॉर्ड करेंगे कि स्‍पेसक्राफ्ट कैसे टूटता है। 

दुनियाभर के देश स्‍पेस में मिशन लॉन्‍च करते हैं। मिशन पूरा होने के बाद सैटेलाइट पृथ्‍वी के आसपास अंतरिक्ष में भटकते रहते हैं और कई बार धरती पर री-एंट्री कर जाते हैं।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. UPI से 2,000 रुपये से अधिक की ट्रांजैक्शंस पर GST लगाने से सरकार ने किया इनकार
  2. भारत में लॉन्च से पहले लीक हुई Oppo A5 Pro 5G की कीमत, 5800mAh बैटरी, 8GB रैम के साथ आएगा!
  3. OnePlus Pad 2 Pro टैबलेट 16GB रैम के साथ जल्द होगा लॉन्च! Geekbench स्कोर हुआ लीक
  4. चावल से भी छोटी, रफ्तार बिजली जैसी! चीन की नई मेमोरी ड्राइव ने उड़ा दिए टेक वर्ल्ड के होश
  5. Motorola की G86 के लॉन्च की तैयारी, मिल सकती है ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
  6. WhatsApp में फालतू नहीं बर्बाद होगा डेटा, डाउनलोड होने वाली मीडिया की क्वालिटी यूजर तय करेंगे!
  7. Redmi Turbo 4 Pro के स्पेसिफिकेशंस और कीमत का खुलासा, जानें सबकुछ
  8. Motorola के Razr 60 Ultra में हो सकता है 7 इंच का मेन डिस्प्ले
  9. OnePlus 13T कैमरा स्पेसिफिकेशंस, सैंपल हुए लॉन्च से पहले जारी, जानें सबकुछ
  10. प्रधानमंत्री मोदी ने Tesla के चीफ Elon Musk से की टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर चर्चा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »