आप और हम पृथ्‍वी को ‘बर्बादी’ की ओर ले जा रहे! यह एकदिन अराजक हो जाएगी

स्‍टडी के अनुसार, अगर पृथ्‍वी का व्‍यवहार अराजक (chaotic) क्षेत्र में आ जाता है, तो हम जलवायु परिवर्तन से पार नहीं पा पाएंगे और सूखा, भयानक गर्मी, बारिश-बाढ़ जैसी घटनाओं को एक्‍स्‍ट्रीम लेवल पर झेलेंगे।

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प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 30 मई 2022 17:11 IST
ख़ास बातें
  • एक नई स्‍टडी में पृथ्‍वी के मौसम को लेकर अनुमान लगाया गया है
  • कहा गया है कि इंसान आने वाले समय अजीब मौसम देख सकता है
  • यह सब पृथ्‍वी के एक नए युग में दाखिल होने की वजह से होगा

स्‍टडी बताती हैं कि अब हम एक नए फेज में एंट्री कर रहे हैं। इसे एंथ्रोपोसीन युग (Anthropocene era) कहा जा रहा है।

एक नई स्‍टडी में बताया गया है कि इंसान ना सिर्फ पृथ्‍वी को गर्म कर रहे हैं, बल्कि उसे अस्‍त-व्‍यस्‍त भी बना रहे हैं। जलवायु परिवर्तन अब कोई नई बात नहीं है। तमाम शोध इस मुहर लगा चुके हैं और यह भी साबित हो गया है कि जलवायु परिवर्तन के लिए इंसान ही काफी हद तक जिम्‍मेदार है। अब यह नई रिसर्च सामने आई है। 21 अप्रैल को इसे प्रीप्रिंट डेटाबेस arXiv पर पोस्‍ट किया गया था। इसमें इंसानी गतिविधि के क्‍लाइमेट पर असर की बात की गई है। जो निष्‍कर्ष सामने आए हैं, वो बिलकुल भी बेहतर नहीं हैं। 

पुर्तगाल में पोर्टो यूनिवर्सिटी के फ‍िजिक्‍स और एस्‍ट्रोनॉमी डिपार्टमेंट के साइंटिस्‍ट इस स्‍टडी को लेखक हैं। उन्‍होंने समझाने की कोशिश की है कि अगर इंसान जलवायु परिवर्तन पर कदम नहीं उठाता है, तो वह कहां पहुंच जाएगा। स्‍टडी के अनुसार, अगर पृथ्‍वी का व्‍यवहार अराजक (chaotic) क्षेत्र में आ जाता है, तो हम जलवायु परिवर्तन से पार नहीं पा पाएंगे और सूखा, भयानक गर्मी, बारिश-बाढ़ जैसी घटनाओं को एक्‍स्‍ट्रीम लेवल पर झेलेंगे।   

स्‍टडी के अनुसार, पृथ्वी समय-समय पर जलवायु पैटर्न में बड़े पैमाने पर बदलाव का अनुभव करती है। यह एक स्थिर संतुलन से दूसरे में जा रही है। ये बदलाव आमतौर पर बाहरी वजहों जैसे- पृथ्वी की कक्षा में बदलाव या ज्वालामुखी गतिविधियों में बदलाव की वजह से होते हैं। लेकिन पिछली स्‍टडी बताती हैं कि अब हम एक नए फेज में एंट्री कर रहे हैं। इसे एंथ्रोपोसीन युग (Anthropocene era) कहा जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह जलवायु परिवर्तन की वजह से है और पृथ्‍वी के लिए एक ऐसा फेज है, जिसे उसने कभी अनुभव नहीं किया। 

स्‍टडी के अनुसार एंथ्रोपोसीन युग पृथ्‍वी के लिए सबसे दबाव वाला होगा। यह भी जानकारी नहीं है कि इसका असर कैसा होगा। पृथ्‍वी की जलवायु आने वाले दशकों में इस बात पर निर्भर करेगी कि इंसान की गतिविधि कैसी है। स्‍टडी कहती है कि अगर कार्बन उत्‍सर्जन अपनी लिमिट को पार कर जाता है, उस स्थिति में एंथ्रोपोसीन युग में तापमान बढ़ जाएगा। हालांकि मौसम में बदलाव का पैटर्न जारी रहेगा।  

हालांकि अगर पृथ्‍वी का क्‍लाइमेट अस्‍त-व्‍यस्‍त होता है, तो यहां ऐसे मौसम होंगे जो साल-दर-साल बदलते जाएंगे। पृथ्वी के औसत तापमान में भी बेतहाशा उतार-चढ़ाव हो सकता है। ऐसे में यह निर्धारित करना बिल्कुल असंभव हो जाएगा कि पृथ्वी की जलवायु किस दिशा में जा रही है। हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु आपदा को टालने का समय अभी इंसान के पास है। इसके लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है, खासकर कार्बन उत्‍सर्जन को लेकर। 
 
 

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ये भी पढ़े: NASA, Earth, climate, Chaotic, earth Chaotic, new study, Weather

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

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