चीन ने फिर दुनिया के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। एक विशाल चीनी रॉकेट का हिस्सा अनियंत्रित होकर पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है और वैज्ञानिक नहीं जानते कि वह कहां गिरेगा। रॉकेट का यह मलबा करीब 21 टन का है, जो एक 10 मंजिला इमारत के आकार का है। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस शनिवार को रॉकेट का यह हिस्सा पृथ्वी के वातावरण में टूट जाएगा। चीनी अधिकारियों से यह बताने की अपील की जा रही है कि जिस रॉकेट का यह मलबा है, उसका रूट क्या है। याद रहे कि चीन ने इस सोमवार को अपना महत्वपूर्ण स्पेस मिशन लॉन्च किया था।
डेली स्टार की
रिपोर्ट के अनुसार, द एयरोस्पेस कॉरपोरेशन के सेंटर फॉर ऑर्बिटल डेब्रिस एंड रीएंट्री स्टडीज (CORDS) के प्रोजेक्ट लीडर ग्रेगरी हेनिंग ने अहम जानकारी दी है। बताया है कि जैसे-जैसे रॉकेट का मलबा पृथ्वी के वायुमंडल के करीब आएगा, उसकी लोकेशन का अंदाजा लगना शुरू हो जाएगा। हालांकि इसकी सटीक लोकेशन का पता तभी चलेगा, जब रॉकेट का मलबा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा।
अनुमान है कि दुनिया के सभी बड़े शहर इस रॉकेट के मलबे से सुरक्षित रहेंगे। यह चौथी बार है जब चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने रॉकेट मलबे को अनियंत्रित होने दिया है। यह
मलबा चीन के लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट का है। सोमवार को इस रॉकेट की मदद से चीन ने अपने स्पेस स्टेशन के तीसरे और आखिरी मॉड्यूल को लॉन्च किया था।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि जब रॉकेट का मलबा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा, तो वह कई टुकड़ों में बंट जाएगा। इससे धरती पर कहीं भी एकसाथ कोई बड़ा टुकड़ा नहीं गिरेगा। केवल छोटे टुकड़े ही पृथ्वी तक पहुंचेंगे। चीन का लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट धरती पर सही सलामत इसलिए नहीं उतर सकता, क्योंकि ऐसा करने के लिए बूस्टर को मिशन पूरा करने के बाद इंजन को दोबारा चालू करना होता है। चीन के रॉकेट में यह क्षमता नहीं है। माना जाता है कि चीन की स्पेस एजेंसी भी ऐसे रॉकेट के निर्माण पर काम कर रही है, जो मिशन को सफल तरीके से लॉन्च करने के बाद धरती पर नियंत्रित तरीके से री-एंट्री कर सके।