चीन धरती की सतह में 10 हजार मीटर गहरा गड्ढा खोद रहा है। यह गहराई 32 हजार फीट से ज्यादा है। पृथ्वी की सतह को तीन परतों में बांटा गया है। इसमें सबसे ऊपर क्रस्ट, उसके नीचे मेंटल, और अंत में कोर आती है। चीन पृथ्वी के क्रस्ट में छेद करने पर तुला है। आखिर क्या वजह है कि चीन धरती के सीने में यह 33 हजार फीट का गहरा छेद करने जा रहा है। आइए आपको पूरा मामला बताते हैं।
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कही जाती है। चीन धरती में अब तक का सबसे गहरा गड्ढा खोदने जा रहा है। यह Xinjiang क्षेत्र में खोदा जा रहा है जिसमें चीन के भारी तेल भंडार मौजूद हैं। हमारी सहयोगी वेबसाइट की
रिपोर्ट के अनुसार, Xinhua News Agency के हवाले से यह जानकारी दी गई है। यह गड्ढा बीते मंगलवार को खोदना शुरू किया गया था। उसी दिन की सुबह को चीन ने गोबी मरुस्थल से स्पेस में अपना पहला सिविलियन भेजा था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एक पतली सी शाफ्ट
धरती में 10 महाद्वीपीय स्तर या परतों को भेदेगी जिसमें चट्टानें होंगीं। फिर यह खोदते हुए धरती के क्रीटेशस सिस्टम में पहुंचेगा। यहां के लिए बताया गया है कि यहां कुछ 14.5 करोड़ साल पुरानी चट्टानें मौजूद हैं। न्यूज एजेंसी को चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के एक वैज्ञानिक ने बताया कि यह गड्ढा खोदना ऐसा है जैसा कि एक बड़े ट्रक को स्टील के दो पतले से तारों पर चलाना।
अन्य मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पृथ्वी की सतह में ये गड्ढा करना पृथ्वी की सतह के बारे में खोजबीन करने के लिए हो सकता है। इस तरह के प्रोजेक्ट के जरिए भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी आपदाओं के बारे में पता लगाया जा सकता है। जिससे आने वाली आपदा के बारे में पहले से ही लोगों को अलर्ट किया जा सकेगा। वहीं, 2021 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी पृथ्वी की गहन की खोज की बात एक भाषण में की थी। कहा जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट उसी से संबंधित है।