Chandrayaan-3 : चंद्रयान-3 की आखिरी छलांग! 153 Km तक चांद के करीब पहुंचा, अब क्‍या करेगी ISRO? जानें

Chandrayaan-3 : इसरो ने कहा है कि उसने चंद्रयान-3 के चंद्रमा तक पहुंचने की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 16 अगस्त 2023 12:46 IST
ख़ास बातें
  • चंद्रयान-3 की कक्षा में आखिरी बार हुआ बदलाव
  • अब प्रोपल्‍शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की तैयारी
  • 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की हो सकती है कोशिश

Chandrayaan-3 : अब प्रोपल्‍शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की तैयारी की जाएगी।

Photo Credit: ISRO

भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) ने बुधवार को पांचवीं और अंत‍िम बार अपनी कक्षा में बदलाव किया। भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने इसकी पुष्टि की है। बताया है कि चंद्रयान-3 अब चांद की सतह के और करीब आ गया है। इसकी चांद से सबसे कम दूरी 153 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 163 किलोमीटर रह गई है। इसरो ने कहा है कि उसने चंद्रयान-3 के चंद्रमा तक पहुंचने की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। अब प्रोपल्‍शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की तैयारी की जाएगी। 

एक ट्वीट में इसरो ने लिखा, ‘‘आज की सफल प्रक्रिया संक्षिप्त अवधि के लिए आवश्यक थी। इसके तहत चंद्रमा की 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया, जिसका हमने अनुमान किया था। इसके साथ ही चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब प्रोपल्‍शन मॉड्यूल और लैंडर अलग होने के लिए तैयार हैं।''
 

इसरो ने बताया कि 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्‍शन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की योजना है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 14 जुलाई को लॉन्‍च होने के बाद चंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। उसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में बदलाव कर उसे चांद के करीब ले जाया गया था। योजना के अनुसार, चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
Advertisement

इसरो के सूत्रों के हवाले से पीटीआई ने लिखा है कि अलग होने के बाद लैंडर को एक कक्षा में स्थापित करने के लिए ‘‘डीबूस्ट'' (धीमा करने की प्रक्रिया) से गुजरने की उम्मीद है। इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने हाल में कहा था कि लैंडिंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा लैंडर के वेग को 30 किलोमीटर की ऊंचाई से अंतिम लैंडिंग तक लाने की प्रक्रिया है। वहां हमें अपनी काबिलियत दिखानी होगी। एस. सोमनाथ ने कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ईंधन की खपत कम हो, दूरी की गणना सही हो और सभी गणितीय मानक ठीक हों।
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. OnePlus 13s Launched in India: 12GB रैम, 50MP कैमरा और फ्लैगशिप प्रोसेसर वाला कॉम्पैक्ट स्मार्टफोन हुआ भारत में लॉन्च, जानें कीमत
  2. Oppo की Reno 14 के लॉन्च की तैयारी, NBTC साइट पर हुई लिस्टिंग
  3. Jio मात्र 51 रुपये में दे रहा अनिलिमिटेड 5G डाटा, महीने भर की वैधता के साथ
#ताज़ा ख़बरें
  1. Mahindra की XEV 9e और BE 6 इलेक्ट्रिक SUVs को जोरदार रिस्पॉन्स, 10,000 यूनिट्स की डिलीवरी
  2. भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च कर सकती है Elon Musk की Starlink
  3. AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद इंजीनियर्स की हायरिंग जारी रखेगी Google
  4. Oppo की Reno 14 के लॉन्च की तैयारी, NBTC साइट पर हुई लिस्टिंग
  5. Jio ने 5G कवरेज, क्वालिटी और अपलोड स्पीड में मारी बाजी, Airtel की डाउनलोड स्पीड पर पकड़ बरकरार!
  6. Nintendo Switch 2 में मिला 7.9-इंच डिस्प्ले, 30 गेम्स का सपोर्ट और 120Hz रिफ्रेश रेट, इस कीमत पर हुआ लॉन्च
  7. Xiaomi 16 में मिल सकता है 6.9 इंच डिस्प्ले, 7,000mAh की बैटरी
  8. Redmi Pad 2 भारत में 18 जून को होगा लॉन्च, डिजाइन और स्पेसिफिकेशंस हुए टीज
  9. Tecno Pova Curve 5G की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  10. Upcoming Smartphones (June 2025): जून में लॉन्च होंगे Vivo, Poco और OnePlus के ये 3 स्मार्टफोन!
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.