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ब्रह्मांड में ऐसा बहुत कुछ है, जिसे खोजा जाना बाकी है। अब अंतरराष्ट्रीय खगोलविदों की एक टीम ने पहली बबल ऑफ गैलेक्सीज (आकाशगंगाओं के बुलबुले) की खोज की है। इसे बिग बैंग (Big Bang) के बाद का जीवाश्म अवशेष माना जा रहा है। ये निष्कर्ष द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में
पब्लिश हुए हैं। इसमें बताया गया है कि बबल ऑफ गैलेक्सीज हमारी आकाशगंगा से 10 हजार गुना अधिक चौड़ी है। शोध में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड कल्लन हॉवलेट का कहना है कि यह ‘बबल' 13 अरब साल पुराना बिग बैंग के वक्त का एक अवशेष है, जब हमारे ब्रह्मांड का निर्माण हुआ।
खास यह है कि खगोलविदों की टीम इस चीज को खोज ही नहीं रही थी। लेकिन ‘बबल' की संरचना इतनी विशाल है कि उसका पता चल ही गया। रिसर्चर्स का कहना है कि यह पूर्व में खोजी गई कई संरचनाओं से भी बहुत बड़ा है। हकीकत में वो संरचनाएं भी ‘बबल' का ही हिस्सा हैं।
फाइंडिंग्स में बताया गया है कि ‘बबल' हमारी आकाशगंगा यानी मिल्की-वे से लगभग 820 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। खगोलशास्त्री इस इलाके को करीबी ब्रह्मांड कहते हैं। खगोलविदों का कहना है कि यह खोज हमारे ब्रह्मांड के आकार को लेकर अनुमान लगाने में मदद करती है।
खगोलविदों को अंदाजा नहीं था कि बुलबुला इतना बड़ा हो सकता है। उनका मानना है कि ब्रह्मांड को लेकर अभी तक जो भी कहा और लिखा गया है उसका फिर से मूल्यांकन करने की जरूरत हो सकती है।
हाल ही में अंतरिक्ष में तैनात सबसे बड़े टेलीस्कोप
James Web Telescope ने एक फोटो में एक साथ 45 हजार गैलेक्सी को दिखाकर खगोलविदों को हैरान कर दिया था। दिलचस्प यह है कि ब्रह्मांड की शुरुआत में आकाशगंगाओं की संख्या 700 के आसपास थी। वैज्ञानिकों को ऐसी आकाशगंगाओं का भी पता चला जो 50 करोड़ से 85 करोड़ साल पुरानी हैं और बिग बैंग के बाद बनीं। इस काल को रीआयनीकरण का युग (Epoch of Reionization) कहा गया है। यह ऐसा वक्त था जब पूरा ब्रह्मांड एक गैस का गुबार था।