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ब्‍लैक होल भी होते हैं कुपोषण का शिकार, Nasa के हबल टेलीस्‍कोप ने खोज निकाला

हालांकि इस ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत है कि जो कुछ भी उसके करीब आता है वह डिस्क में बह जाता है।

ब्‍लैक होल भी होते हैं कुपोषण का शिकार, Nasa के हबल टेलीस्‍कोप ने खोज निकाला

नासा की हबल टीम के अनुसार, इस मॉन्‍स्‍टर ब्लैक होल का वजन हमारे सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 250 मिलियन गुना है।

ख़ास बातें
  • ‘NGC 3147’ नाम की स्‍पाइरल आकाशगंगा में मिला ब्‍लैक होल
  • यह तारों, गैस व धूल की एक पतली कॉम्पैक्ट डिस्क से घिरा है
  • हालांकि इस ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बहुत मजबूत है
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अपने 30 साल से ज्‍यादा के सफर में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने ब्रह्मांड की कुछ दिलचस्प इमेजेस को कैप्चर किया है। इससे खगोलविदों को वहां होने वाली रहस्यमयी घटनाओं को समझने में मदद मिली है। इन इमेजेस में एक ‘NGC 3147' नाम की स्‍पाइरल आकाशगंगा की तस्‍वीर भी है। यह आकाशगंगा लगभग 130 मिलियन प्रकाश-वर्ष दूर ड्रेको तारामंडल में स्थित है, जिसे ‘ड्रैगन' भी कहा जाता है। इमेज दिखाती है कि आकाशगंगा की घुमावदार भुजाएं अंतरिक्ष में फैली एक सर्पाकार सीढ़ी की तरह दिखाई देती हैं। हकीकत में इनमें गुलाबी रंग की निहारिकाएं (nebulae), नीले तारे मौजूद हैं। 

इस इमेज को पहली बार जुलाई 2019 में रिलीज किया गया था। आकाशगंगा के कोर में एक ब्लैक होल है, लेकिन वह बहुत बेहतर नहीं है या यूं कहें कि कुपोषित है और तारों, गैस व धूल की एक पतली कॉम्पैक्ट डिस्क से घिरा है। हालांकि इस ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत है कि जो कुछ भी उसके करीब आता है वह डिस्क में बह जाता है।
 


नासा की हबल टीम के अनुसार, इस ‘मॉन्‍स्‍टर' ब्लैक होल का वजन हमारे सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 250 मिलियन गुना है। 

गौरतलब है कि हबल टेलीस्‍कोप, अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं पर नजर रखने के लिए लगातार काम करता है। इसकी टीम तब सोशल मीडिया पर फोटोज रिलीज करती है, जब उसे खगोलविदों के लिए उत्‍सुकता पैदा करने लायक कोई इमेज हासिल होती है। 

हाल ही में इसने कैल्डवेल 5 (Caldwell 5) नाम की एक स्‍पाइरल आकाशगंगा की इमेज शेयर की थी। यह आकाशगंगा हमसे लगभग 11 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इसके केंद्र में एक एक्टिव स्‍टार नर्सरी है, जो कुछ मिलियन वर्षों में हजारों तारों को पैदा कर सकती है। Caldwell 5 गैलेक्‍सी वैसे तो काफी चमकदार है। पर यह ब्रह्मांड की गैस, गहरे रंग की धूल और चमकीले तारों से ढकी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह हमारे आकाश की सबसे चमकदार गैलेक्‍सी में से एक होती, अगर यह इतने सारे आवरणों से ढकी नहीं होती। दावा है कि इस आकाशगंगा का वजूद अरबों साल का है।  

ब्रिटेन के खगोलशास्त्री विलियम फ्रेडरिक डेनिंग ने 1890 के दशक की शुरुआत में इस आकाशगंगा की खोज की थी। यह कैमेलोपार्डालिस तारामंडल में स्थित है, जिसे शुरुआती सर्दियों के दौरान बेहतरीन तरीके से देखा जा सकता है। 
 
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