5.5 हजार मीटर गहरे समुद्र में मिले ऐसे जीव जो कभी नहीं दिखे थे!

वैज्ञानिकों का कहना है कि भले ही समुद्र क्षेत्र पृथ्वी के धरातल का आधे से ज्यादा हिस्सा घेरे है, लेकिन इनके अंदर पनपने वाले जीव-जंतुओं के बारे में अभी तक मनुष्य के पास बहुत ही थोड़ी जानकारी है।

5.5 हजार मीटर गहरे समुद्र में मिले ऐसे जीव जो कभी नहीं दिखे थे!

Photo Credit: University of Gothenburg

समुद्र की गहराईयों में वैज्ञानिकों को ऐसे जीव मिले हैं जो अभी तक इंसान की नजरों में कभी आए ही नहीं थे।

ख़ास बातें
  • ऐसे जीव मिले हैं जो अभी तक इंसान की नजरों में कभी आए ही नहीं थे।
  • ये जीव प्रशांत महासागर की गहराईयों में मिले हैं।
  • यह क्षेत्र मैक्सिको और हवाई के बीच में पड़ता है।
विज्ञापन
समुद्र की गहराईयों में वैज्ञानिकों को ऐसे जीव मिले हैं जो अभी तक इंसान की नजरों में कभी आए ही नहीं थे। ये जीव बहुत ही रहस्यमयी हैं और इससे पहले कभी नहीं देखे गए थे। शोधकर्ताओं को ये जीव प्रशांत महासागर की गहराईयों में क्लेरिओन-क्लिपरटोन जोन (Clarion-Clipperton Zone) में मिले हैं। इस जोन में ऐसे जीवों की कई प्रजातियां सामने आई हैं। यह क्षेत्र मैक्सिको और हवाई के बीच में पड़ता है। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ऐसा जोन है जिसमें हमेशा ही अंधेरा छाया रहता है। यानी यह समुद्र की काली दुनिया है जिसमें कभी रोशनी नहीं जाती। अजब जीवों की खोज ने यह साबित कर दिया है समुद्र अपने भीतर अभी बहुत कुछ छुपाए हुए है जिस तक अभी मानव की पहुंच नहीं है। यूनिवर्सिटी ऑफ गॉथनबर्ग (University of Gothenburg) के द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार, मार्च में मैक्सिको और हवाई के बीच स्थित क्लेरिओन-क्लिपरटोन जोन में 45 दिनों का शोध अभियान चलाया गया। 

ब्रिटिश रिसर्च वैसल जेम्स कुक में एक वैज्ञानिक थॉमस डालग्रेन भी थे, जो कि एक मरीन ईकोलॉजिस्ट हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ गॉथनबर्ग में ही काम करते हैं। ये NORCE शोध संस्थान से भी जुड़े हैं। थॉमस डालग्रेन के मुताबिक, यह एरिया पृथ्वी का ऐसा एरिया है जो सबसे कम एक्सप्लोर किया गया है। इस एरिया को Abyssal Plains के भाग के रूप में स्टडी किया गया। यहां पर समुद्र की गहराई 3500 से 5500 मीटर तक है। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि भले ही समुद्र क्षेत्र पृथ्वी के धरातल का आधे से ज्यादा हिस्सा घेरे है, लेकिन इनके अंदर पनपने वाले जीव-जंतुओं के बारे में अभी तक मनुष्य के पास बहुत ही थोड़ी जानकारी है। शोधकर्ता थॉमस डालग्रेन का मानना है कि यह अभियान वैसा ही है जैसा कि इससे पहले 18वीं शताब्दी में नई प्रजातियों और ईकोसिस्टम को ढूंढने के लिए चलाया गया था। उनके लिए यह बहुत रोमांचकारी साबित हुआ है। इस एरिया में प्रजातियों का घनत्व बहुत ज्यादा है जो कि बहुत हैरान करने वाली बात है। इन जीवों ने अपने आपको ऐसे ढाला है कि इन पर यकीन करना मुश्किल है। 

इस अभियान में समुद्री खीरे कुछ ऐसे जीव मिले हैं जो अभियान में पाए जाने वाले सबसे बड़े जीवों में से हैं। ये समुद्र के तल पर वैक्यूम क्लीनर की तरह काम करते हैं। इनकी खासियत यह है कि ये ऐसी जगह ढूंढ निकालते हैं जहां से अन्य जीव बहुत कम गुजरे हों। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Apple के शेयर प्राइस में बड़ी गिरावट, iPhone 16 सीरीज के Pro मॉडल्स की कम डिमांड का असर
  2. देश में तेजी से बढ़ रही इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री
  3. अंतरिक्ष में महीनों से फंसे होने के बावजूद खुश हैं सुनीता विलियम्स
  4. 46.6 करोड़ साल पहले पृथ्‍वी पर भी थे शनि ग्रह जैसे छल्‍ले, वैज्ञानिकों को मिला सबूत!
  5. HMD Skyline का टीजर हुआ जारी, भारत में जल्द होगा लॉन्च!
  6. ये हुई ना बात! पहली बार वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में की मेटल पार्ट की 3D प्रिंटिंग
  7. Apple के iPhone 16 Plus की बुकिंग 48 प्रतिशत बढ़ी, Pro मॉडल्स की ठंडी डिमांड
  8. Amazon Great Indian Festival 2024 सेल भी 27 सितंबर से होगी शुरू, क्‍या हैं बड़ी डील्‍स, जानें
  9. सस्‍ता 5G स्‍मार्टफोन! Lava Blaze 3 5G भारत में लॉन्‍च, 6GB रैम, 50MP कैमरा, जानें प्राइस
  10. क्रिप्टो मार्केट में गिरावट, बिटकॉइन का प्राइस 58,400 डॉलर से ज्यादा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »