63 हजार किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से कल पृथ्‍वी की ओर आ रही चट्टानी ‘आफत’, जानें इसके बारे में

यह हमारे ग्रह के लिए कोई खतरा नहीं है, फ‍िर भी वैज्ञानिकों ने इसे संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में रखा है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 8 सितंबर 2022 17:03 IST
ख़ास बातें
  • यह एस्‍टरॉयड कल पृथ्वी के करीब से गुजरेगा
  • 54 लाख किलोमीटर से ज्‍यादा दूरी से अपना सफर तय करेगा
  • वैज्ञानिक इसे आखिरी समय तक मॉनिटर करते रहेंगे

वैज्ञानिक, एस्‍टरॉयड्स के मूवमेंट को लेकर इसलिए भी अलर्ट रहते हैं, क्‍योंकि अतीत में पृथ्‍वी पर इनका कहर देखा जा चुका है।

एस्‍टरॉयड्स का पृथ्‍वी के करीब से गुजरना जारी है। अब एक और चट्टानी ‘आफत' हमारे करीब आने वाली है। इसका नाम ‘एस्‍टरॉयड 2022 क्यूबी22' है, जिसका साइज 180 फुट चौड़ा बताया जाता है। इस हिसाब से यह एक कमर्शल एयरक्राफ्ट के जितना बड़ा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने बताया है कि यह एस्‍टरॉयड कल पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। हालांकि जब यह एस्‍टरॉयड हमारे ग्रह के नजदीक आएगा, तब भी इसके और पृथ्‍वी के बीच 54 लाख किलोमीटर से ज्‍यादा दूरी होगी। इस हिसाब से यह हमारे के लिए कोई खतरा नहीं है, पर वैज्ञानिक इसे आखिरी समय तक मॉनिटर करते रहेंगे। 

जानकारी के अनुसार, ‘एस्‍टरॉयड 2022 क्यूबी22' लगभग 63 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर रहा है। यह हमारे ग्रह के लिए कोई खतरा नहीं है, फ‍िर भी वैज्ञानिकों ने इसे संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में रखा है। इसकी वजह यह है कि ऐसे एस्‍टरॉयड भविष्‍य में पृथ्‍वी से टकरा सकते हैं। 

वैज्ञानिक, एस्‍टरॉयड्स के मूवमेंट को लेकर इसलिए भी अलर्ट रहते हैं, क्‍योंकि अतीत में पृथ्‍वी पर इनका कहर देखा जा चुका है। करोड़ों साल पहले हमारी पृथ्‍वी से डायनासोर का विनाश एक एस्‍टरॉयड की वजह से ही हुआ था। बहरहाल, नासा का प्लैनेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेशन ऑफिस (Planetary Defense Coordination Office) टेलिस्कोप के जरिए आसमान की निगरानी करता है और आने वाले नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट (NEO) फ्लाईबाई पर नजर रखता है। 

नासा के अनुसार, इन्‍हें लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्‍कर लगाते हैं, उसी तरह एस्‍टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्‍टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्‍टरॉयड का पता लगा चुके हैं। 

जब किसी एस्‍टरॉयड की खोज होती है, तो उसका नामकरण इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनॉमिकल यूनियन कमिटी करती है। नाम कुछ भी हो सकता है, लेकिन साथ में एक नंबर भी उसमें जोड़ा जाता है जैसे- (99942) एपोफिस। कलाकारों, वैज्ञानिकों, ऐतिहासिक पात्रों के नाम पर भी एस्‍टरॉयड का नाम रखा जाता है। ‘एस्‍टरॉयड 2022 क्यूबी22' के जाने के बाद 11 और 12 सितंबर को भी कई एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के नजदीक से गुजरेंगे। 
 

 

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