धरती और चंद्रमा की दोगुनी दूरी जितना करीब आकर गुजर गया 460 फीट का एस्ट्रॉयड!

60 से 140 मीटर व्‍यास का ये उल्का पिंड नंगी आंखों से देखना आसान नहीं होगा क्योंकि यह बहुत ज्यादा चमकीला नहीं है।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 17 दिसंबर 2022 12:03 IST
ख़ास बातें
  • इस एस्ट्रॉयड का नाम 2015 RN35 है।
  • एस्ट्रॉयड को यूरोप में 19 दिसंबर तक देखा जा सकेगा।
  • उल्का पिंड को नंगी आंखों से देखना आसान नहीं होगा।

नासा के मुताबिक 2015 RN35 नामक उल्का पिंड 21,276 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रहा है।

एस्ट्रॉयड धरती के करीब आने की घटनाएं लगातार जारी हैं। पिछले कुछ महीनों में कई एस्ट्रॉयड धरती की तरफ अपना रुख कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी अनहोनी की खबर नहीं है। अभी कुछ घंटे पहले ही एस्ट्रॉयड के रूप में एक और बड़ी आफत धरती के करीब से गुजरी है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने इस एस्ट्रॉयड की जानकारी दी थी जिसका आकार 460 फीट बताया जा रहा है। इसे क्रिसमस एस्ट्रॉयड कहा गया है। इसके बारे में कहा गया था कि यह 6 लाख 86 हजार किलोमीटर की दूरी पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजरेगा।  

इस एस्ट्रॉयड का नाम 2015 RN35 है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने यह भी बताया है कि एस्ट्रॉयड को यूरोप में 19 दिसंबर तक देखा जा सकेगा। 60 से 140 मीटर व्‍यास का ये उल्का पिंड नंगी आंखों से देखना आसान नहीं होगा क्योंकि यह बहुत ज्यादा चमकीला नहीं है। एजेंसी का कहना है कि 30 सेंटीमीटर और उससे बड़े टेलीस्‍कोप की मदद से इसे देखना संभव है। नासा के मुताबिक यह 21,276 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रहा है।  एस्ट्रॉयड 2015 RN35 के बारे में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। यह 15 दिसंबर को पृथ्वी के सबसे नजदीक था। डराने वाली बात ये थी कि यह धरती के इतना करीब आ गया था जितना कि चंद्रमा और धरती के बीच की दूरी दोगुनी है। अब यह आगे बढ़ रहा है लेकिन एजेंसी के मुताबिक अभी इसे 19 दिसंबर तक देखा जा सकता है। 

सौरमंडल के ग्रहों की तरह उल्का पिंड भी लगातार सूरज का चक्कर लगाते रहते हैं। कई बार ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आकर्षित होकर ये किसी भी ग्रह की तरफ रुख कर लेते हैं जिससे इनके ग्रह से टकराने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन अभी तक किसी बड़े उल्का पिंड की धरती से टकराने की बहुत अधिक संभावना नहीं बताई गई है। ये उल्का पिंड लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं। अभी तक वैज्ञानिक 11 लाख 13 हजार 527 एस्‍टरॉयड का पता लगा पाए हैं। 

ज्‍यादातर एस्ट्रॉयड एक मुख्‍य एस्ट्रॉयड बेल्‍ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्‍पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अब तक खोजे गए सभी एस्ट्रॉयड का कुल द्रव्‍यमान पृथ्‍वी के चंद्रमा से कम है।   
 

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ये भी पढ़े: 2015 RN35, ESA

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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