पब्लिक प्लेस में पेशाब करना (Urination) लगता है सारी दुनिया की समस्या है। भारत में तो लोग एक कदम आगे नजर आते हैं, क्योंकि यहां पब्लिक टॉइलट से ज्यादा ‘गंदगी' उसके बाहर होती है। ब्रिटेन की राजधानी लंदन में ऐसे लोगों को ‘रोकने' पर काम चल रहा है, जो ना सिर्फ शहर को ‘गंदा' करते हैं, बल्कि उसकी खूबसूरती पर भी ‘दाग' लगाते हैं। यहां का सोहो (Soho) इलाका, जो अपने बार, रेस्टोरेंट, टूरिस्ट प्लेस और नाइटलाइफ के लिए जाना जाता है, वहां एक अनोखा काम हो रहा है। दीवारों पर एक खास तरह के पेंट की कोटिंग लगाई जा रही है। दावा कि यह उन लोगों को ‘रोकेगी', जो यूरिनेशन कर शहर गंदा करते हैं।
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रिपोर्टों के अनुसार, सोहो में दीवारों पर एंटी-पी पेंट लगाया जा रहा है। यह अपने ऊपर आने वाले लिक्विड को छीटों के रूप में वापस फेंकता है। जानकारी के अनुसार, एंटी-पी पेंट एक ट्रांसपैरंट वॉटर-रिपेलंट लेयर बना देता है। इसके बाद अगर कोई इस पर यूरिनेट करता है, तो उस पर वापस छींटे पड़ते हैं।
आखिर
एंटी-पी पेंट के पीछे कौन सा साइंस छुपा है? जानकारी के
अनुसार, एंटी-पी पेंट ज्यादातर एसीटोन और सिलिका से बना होता है। रेत इसका प्रमुख भाग होती है। इसमें मौजूद सुपरहाइड्रोफोबिक कोटिंग चीजों को सूखा रखती है और पेंट पर पड़ने वाले हर लिक्विड को हटा सकती है।
इस एंटी-पी पेंट को बनाने वाली कंपनी है अल्ट्रा-एवर ड्राई (Ultra-Ever Dry)। कंपनी का दावा है कि उसका पेंट ना सिर्फ पानी, बल्कि कुछ ऑयल, गीला कंक्रीट और बाकी लिक्विड पदार्थों को अपने ऊपर टिकने नहीं देता। जानकारी के अनुसार, एंटी-पी कोटिंग को दो चरणों में लगाया जाएगा। पहले चरण में प्राइमर लगाया जाना है, जो बेस को चिकना करेगा। इसके बाद सेकंड कोट लगाया जाएगा।
सोहो इलाके में ‘गंदगी' की काफी शिकायतें स्थानीय प्रशासन को मिल रही थीं। बताया जाता है कि 3,000 निवासियों, दुकानदारों से मिली शिकायतों के बाद
वेस्टमिंस्टर सिटी काउंसिल ने इस पर काम शुरू किया। काउंसिल को पता चला कि जर्मनी में भी इस पेंट को इस्तेमाल किया गया है। अब सोहो में 10 हॉटस्पॉट पर यह पेंट लगाया जाना है। बताया जाता है कि जर्मनी के कोलोन में इस पेंट को सबसे पहले साल 2015 में इस्तेमाल किया गया था।