इतने बड़े ब्रह्मांड में क्‍यों ‘अकेली’ है यह आकाशगंगा? जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने खींची तस्‍वीर

Alone galaxy : तस्‍वीर को NIRCam (नियर-इन्फ्रारेड कैमरा) की मदद से क्लिक किया गया।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 12 नवंबर 2022 14:08 IST
ख़ास बातें
  • यह एक बौनी आकाशगंगा है
  • 2016 में स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कॉप ने इसे देखा था
  • हालांकि जेम्‍स वेब की इमेज ज्‍यादा साफ है

Alone galaxy : नियर-इन्फ्रारेड कैमरा अपने ऑब्‍जेक्‍ट में काफी अंदर तक झांकने की कोशिश करता है और प्रमुख डिटेल्‍स को सामने ले आता है।

बहुत से लोगों को लगता है कि वो इस दुनिया में अकेले हैं। लेकिन सिर्फ इंसान ही अकेला नहीं होता, आकाशगंगाओं (galaxy) के साथ भी ऐसा होता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने पृथ्वी से 30 लाख प्रकाश वर्ष दूर एक अकेली आकाशगंगा की हैरान करने वाली इमेज शेयर की है। तस्‍वीर में इस क्षेत्र में मौजूद हजारों प्राचीन तारे भी चमकते हुए दिखाई देते हैं। नासा ने ट्विटर पर इस इमेज को शेयर किया है। तस्‍वीर को NIRCam (नियर-इन्फ्रारेड कैमरा) की मदद से क्लिक किया गया। जेम्‍स वेब के इस कैमरा की खूबियां इसे बाकी टेलीस्‍कोप से अलग बनाती हैं। नियर-इन्फ्रारेड कैमरा अपने ऑब्‍जेक्‍ट में काफी अंदर तक झांकने की कोशिश करता है और प्रमुख डिटेल्‍स को सामने ले आता है। 

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने जिस आकाशगंगा को कैप्‍चर किया है, उसका नाम वुल्फ-लंडमार्क-मेलोट (डब्लूएलएम) (Wolf–Lundmark–Melotte (WLM)) है। यह एक बौनी आकाशगंगा है। इसे सबसे पहले साल 2016 में स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कॉप की मदद से देखा गया था। हालांकि जेम्‍स वेब ने जो तस्‍वीर खींची है, उसमें काफी स्‍पष्‍टता नजर आती है। 
 


डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, WLM आकाशगंगा की गैस उसी के समान है जिसने प्रारंभिक ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं का निर्माण किया था। यह आकाशगंगा हमारी आकाशगंगा से 10 गुना छोटी है। दिलचस्‍प बात यह है कि WLM आकाशगंगा की खोज साल 1909 में कर ली गई थी। इसका श्रेय ‘मैक्स वुल्फ' को जाता है। यह आकाशगंगा हमारी मिल्‍की-वे (Milky Way) के करीब है, लेकिन कुछ हद तक अलग-थलग है। रटगर्स यूनिवर्सिटी (Rutgers University) के क्रिस्टन मैकक्विन के अनुसार, यह आकाशगंगा बाकी सिस्‍टमों के साथ इंटरेक्‍ट नहीं करती।  हालांकि हाल के समय में इसमें तारों का निर्माण शुरू हुआ है, इसीलिए वैज्ञानिक इसे स्‍टडी करना चाहते हैं। खगोलविद यह ऑब्‍जर्व कर सकते हैं कि बौनी आकाशगंगाओं में तारे कैसे बनते और विकसित होते हैं

बात करें जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप की, तो यह अंतरिक्ष में तैनात अबतक का सबसे बड़ा टेलीस्‍कोप है। एजेंसी ने पिछले साल दिसंबर में इसे लॉन्‍च किया था। जेम्‍स वेब के निर्माण में 10 अरब डॉलर (लगभग 75,330 करोड़ रुपये) की लागत आई है। यह दूरबीन डीप स्‍पेस की कई शानदार तस्‍वीरें दिखा चुकी है। 
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Rs 30 हजार के अंदर आने वाले ये हैं बेस्ट कैमरा फोन
  2. Moto X70 Air लॉन्च से पहले कीमत का खुलासा, 12GB रैम, 68W फास्ट चार्जिंग जैसे फीचर्स
  3. गगनयान मिशन जल्द होगा टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार, ISRO ने दी जानकारी
#ताज़ा ख़बरें
  1. Rs 30 हजार के अंदर आने वाले ये हैं बेस्ट कैमरा फोन
  2. Moto X70 Air लॉन्च से पहले कीमत का खुलासा, 12GB रैम, 68W फास्ट चार्जिंग जैसे फीचर्स
  3. 100 इंच तक बड़े स्मार्ट TV Dreame ने किए लॉन्च, 4K डिस्प्ले, AI, Dolby Atmos जैसे फीचर्स, जानें कीमत
  4. Fire-Boltt की MRP Rs 11,999 की ब्लूटूथ कॉलिंग स्मार्टवॉच मात्र Rs 999 में खरीदें, Amazon का धांसू ऑफर!
  5. ZEBRONICS के धांसू गेमिंग हेडफोन Rs 1700 की बजाए Rs 775 में, Amazon पर छूट न जाए ऑफर!
  6. OPPO ने 45 घंटे चलने वाले ईयरबड्स OPPO Enco X3s किए पेश, जानें कीमत
  7. Lava Shark 2 लॉन्च हुआ 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ, Rs 7 हजार से कम में खरीदने का मौका
  8. गगनयान मिशन जल्द होगा टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार, ISRO ने दी जानकारी
  9. अगर बृहस्पति न होता ऐसी न होती पृथ्वी! वैज्ञानिकों का दावा
  10. Amazfit लाई नई स्मार्टवॉच, AMOLED स्क्रीन, सिंगल चार्ज में 17 दिन चलती है बैटरी, जानें कीमत
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.